B’Day Special : कहानी… योगी के अजय सिंह से आदित्यनाथ बनने की

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भगवा रंग के धोती कुर्ता और गमछा…कानों में कुंडल…जी हां हम बात कर रहे है सूबे के सीएम योगी की। आज दिन सूबे के सीएम योगी के लिए बेहद खास है। दरअसल आज यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन है। बेहद साधारण से रहने वाले सीएम आज यूपी के लिए एक ब्रांड बन चुके है। ऐसे सीएम जिन्हें लोग सुनना चाहते है। तभी तो उन्हें चुनावों में प्रचार के कमान सौपी गई थी। कभी धूप तो कभी छांव के सफर में योगी अपने लक्ष्य पर अडिग रहे।

योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं। यूपी सरकार का नेतृत्व करने के साथ ही गोरक्ष पीठ के मुख्य महंत योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में हुआ था।

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सीएम योगी के जन्मदिन पर पीएम मोदी के अलावा अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी बधाई दी है। वहीं सीएम योगी ने सबका आभार जताया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिभा से प्रभावित होकर, महंत अवैद्यनाथ ने अपनी राजनीतिक और विरासत उन्हें सौंपी थी। जिसे गोरखपुर के सांसद के रूप में आगे बढ़ाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को यूपी के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।

योगी जी का असली नाम ….अजय मोहन

सीएम योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले की यमकेश्वर तहसील के पंचूर गांव के एक साधारण गढ़वाली परिवार में हुआ था। सीएम योगी की असली नाम अजय मोहन बिष्ट है। योगी के पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट और मां का नाम सावित्री देवी है। योगी के पिता एक फॉरेस्ट रेंजर थे। योगी सात भाई-बहन हैं।

कब और कहां तक की पढ़ाई, कैसे बने महंत

गणित से बीएससी करने के बाद वो एमएससी की पढ़ाई करना चाहते थे। लेकिन कोटद्वार में सीएम योगी का सामान चोरी हो गया था, जिसमें इनके स्नातक के प्रमाणपत्र थे। इसी दौरान वो गुरू गोरखनाथ पर शोध करने गोरखपुर आए। गोरखपुर में रहने के दौरान ही ये महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आए थे बाद में इन्होंने इनसे ही दीक्षा ली और 1994 में पूर्ण सन्यासी बन गए।

महंत अवैद्यनाथ​ के शिष्य रहे सीएम योगी

अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में शामिल होने के लिए योगी ने अपना घर छोड़ा। वो गोरखनाथ मठ के मुख्य पुजारी महंत अवैद्यनाथ के प्रभाव में आए और उनके शिष्य बने। साल 1994 में संन्यासी बन गए। इसके बाद महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें गोरक्षपीठ का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। उन्हें महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया गया। गोरखनाथ मठ में उनका नाम अजय मोहन बिष्ट से योगी आदित्यनाथ किया गया।

26 साल  की आयु में बने सांसद

साल 1998 में गोरखपुर से बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर योगी आदित्यनाथ ने चुनाव लड़ा। उस समय सीएम योगी की उम्र केवल 26 साल थी। साल 1999 में वो फिर चुनावी दंगल में उतरे और जनता ने भारी मतों से उन्हें लोकसभा में पहुंचाया। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2004, 2009 और 2014 में भी गोरखपुर से लगातार चुनाव लड़ा और सांसद चुने जाते रहे।

2008 में हुआ था जानलेवा हमला

साल 2008 में योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हमला भी हुआ था। इस हमले वे बाल-बाल बचे थे। ये हमले में सौ से भी अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहूलुहान कर दिया था।

विवादित बयानों से सुर्खियों में छाए

महंत की जिम्मेदारियों के साथ-साथ सीएम योगी आदित्यनाथ के कंधों पर अपने लोकसभा क्षेत्र का भी जिम्मेदारी रही। सीएम बनने से पहले उन्होंने कई बार ऐसे बयान दिए, जिसकी वजह से वो सुर्खियों में बने रहे। साल 2014 में सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के लिए उन्होंने कहा था, ‘अगर एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन करेंगे तो, हम उनकी 100 मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन करेंगे’।

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