लखनऊ में कृत्रिम बारिश की तैयारी!

0

जानलेवा हो चुके वायु प्रदूषण (pollution) पर काबू पाने के लिए अब कृत्रिम बारिश करवाने की तैयारी है। यूपी सरकार इसके लिए आईआईटी कानपुर की मदद लेगी। यह फैसला बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए आयोजित बैठक में लिया गया।
कूड़ा न जलाने के निर्देश दिए गए हैं
इस दौरान सीएम ने कैसरबाग बस अड्डे से अतिक्रमण हटाने के आदेश भी दिए। माना जा रहा है कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए जरूरत पड़ने पर पुराने वाहनों को भी बंद किया जा सकता है। प्रदूषण को कम करने के लिए कूड़ा न जलाने के निर्देश दिए गए हैं।
जिम्मेदारी नगर निगम और फायर ब्रिगेड टैंकरों की होगी
साथ ही सड़कों पर धूल-मिट्टी उड़ने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी नगर निगम और फायर ब्रिगेड टैंकरों की होगी। बैठक में नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी, प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव पर्यावरण रेणुका कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
महत्वपूर्ण फैसले
– ट्रैफिक का संचालन सुधारा जाए।
– गांवों में कृषि अपशिष्ट जलाने से रोकने के लिए डीएम को दिए जाएंगे निर्देश।
– किसानों के बीच 15 जनवरी तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
जानिये कैसे होती है कृत्रिम बारिश
कृत्रिम बारिश के जरिये बादलों की भौतिक अवस्था में आर्टिफशल तरीके से बदलाव लाया जाता है जो बारिश के अनुकूल बनाता है। यह प्रक्रिया क्याउड सीडिंग कहलाती है। बादल पानी के बहुत छोटे छोटे कणों से बने होते हैं। जो कम भार की वजह से खुद को ही पानी की शक्ल में जमीन पर बरसने में पूरी तरह सक्षम होते है। कभी कभी किसी खास परिस्थितियों में जब ये कण इकट्ठे हो जाते है, जब आकार और भार अच्छा खासा बढ़ जाता है। तब ये ग्रेविटी के कारण धरती पर बारिश के रुप में गिरने लगते है।
(साभार-एनबीटी)
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More