तिरुपति का लड्डूः अब यूपी के मंदिरों में बवाल, डिंपल यादव ने उठाए सवाल…

हिन्दू संगठन और संत लगातार कार रहे आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग

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Mathura: देश के सबसे पुराने और प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी वाले घी के इस्तेमाल की बात के बाद इस विवाद की चर्चा पूरे देश में जारी है. हिन्दू संगठन और संत लगातार आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं, इस मामले में आंध्रप्रदेश के सीएम ने जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है.

तिरुपति मंदिर में जारी है शुद्धिकरण की प्रक्रिया

दूसरी ओर अब मंदिर में शुद्धिकरण की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इन सब के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंदिर प्रसाद का विवाद अब धीरे-धीरे देश के सभी राज्यों के मंदिर तक पहुंच गया है. इसी कड़ी में अब यूपी के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के प्रसाद पर भी घमासान शुरू हो गया है. आरोप है कि वृंदावन में प्रसाद बनाने के लिए खराब क्वॉलिटी के खोये का इस्तेमाल हो रहा है.

मैनपुरी सांसद ने उठाया सवाल…

गौरतलब है कि अब यूपी के श्रीबांके बिहारी मंदिर में भोग के तौर पर चढ़ने वाले पेड़े में मिलावट को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं. कहा गया कि इसमें ख़राब खोये का इस्तेमाल होता है. यह कोई और नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव का आरोप है.

162 साल पुराना है श्री बांके बिहारी मंदिर

गौरतलब है कि मथुरा के सुप्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर 162 साल पुराना है. यह भारत के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. बाँके बिहारी कृष्ण का ही एक रूप है जो इस मंदिर में प्रदर्शित किया गया है. मंदिर का निर्माण 1864 में स्वामी हरिदास जी के द्वारा कराया गया था.

मशहूर है मथुरा के पेड़े…

बता दें कि देश में मथुरा का पेड़ा मशहूर है. मथुरा का पेड़ा प्रदेश ही नहीं देश के चारो तरफ अपनी धाक जमाए हुए है. अगर कभी आप मथुरा जाए तो आपको चारो तरफ पेड़े ही पेड़े की दुकानें दिखाई देंगी. मथुरा का पेड़ा आपको स्टेशन से लेकर ट्रेनों में भी मिल जाएगा. दूध, शक्कर और घी से बने मथुरा के पेड़ो का कोई जवाब नहीं है. खास बात यह है कि यह पेड़ा 15 दिन तक ख़राब नहीं होता है और यह लाल रंग का होता है. वहीं सादा पेड़ा भी आपको मिलेगा जिसमें ऊपर से सूखी चीनी लगी होती है.

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देश ही नहीं विदेशों से आते हैं भक्त…

बता दें कि उत्तर प्रदेश के इस मंदिर में न सिर्फ देश के लोग बल्कि काफी संख्या में विदेशों से भी लोग भगवान श्री कृष्णा के दर्शन के लिए आते हैं. अनुमान है कि मथुरा वृंदावन में बांके बिहारी के दरबार में माथा टेकने के लिए हर रोज करीब 50 हजार भक्त पहुंचते हैं. इतना ही नहीं यहां पर आने वाला कोई भी भक्त बिना पेड़ा लिए वापस नहीं जाता.

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लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में बाहरी प्रसाद चढ़ाने पर रोक

आंध्र प्रदेश से लेकर यूपी के वृंदावन तक प्रसाद पर मचे घमासान का नतीजा ये हुआ कि लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर के गर्भगृह में बाहर से लाए गए प्रसाद को चढ़ाने पर रोक लगा दी गई है. मंदिर परिसर में ऐसे पोस्टर लगा दिए गए हैं जिसमें लिखा है कि बाहर के प्रसाद को चढ़ाना मना है. इसके पूर्व सोमवार को सिद्धि विनायक मंदिर में प्रसाद पर चूहों के चलने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया था.

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