छत्तीसगढ़ का ये गांव है ‘गणराज्य’

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हमारे देश में अभी भी कुछ ऐसे समाज हैं जहां पर उस समाज द्वार बनाए गए नियम-कानून ही चलते हैं। इनके नियमों के आगे वहां की सरकार भी नतमस्तक हो जाती है। अब आप को ऐसा मामला बताते हैं जिसमें वहां के शिक्षामंत्री को ही दोषी करार दे दिया गया और जिसके चलते उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ा।

शिक्षामंत्री ने कॉलेज भवन का किया था लोकार्पण

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के साल्हेभाट गांव में उच्च शिक्षामंत्री द्वारा एक कॉलेज का लोकार्पण कराया गया जिसको लेकर वहां के आदिवासियों ने कलेक्टर समेत मंत्री और सरपंच को दोषी करार दे दिया। जिसके बाद जुर्माने के तौर बकरा सुअर मुर्गा और शराब अदा करने को कहा गया।

सरपंच ने भरा जुर्माना

सरपंच ने सारे आरोप अपने ऊपर लेते हुए जुर्माना भरा। नरहरपुर विकासखंड के ग्राम सरोना में दो करोड़ से कॉलेज भवन की स्वीकृति मिली थी। वहां पर जमीन नहीं मिली तो पड़ोसी गांव साल्हेभाट से जमीन मांगी गई। गांव के लोगों ने एक सभा बुलाई जिसमें आदिवासी समूह के लोगों ने सभा में शिरकत की।

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इनकी अनुमति के बिना नहीं होता है कोई काम

परंपरा के अनुसार परगना में शामिल 52 गांवों के प्रमुख देवता ठेमा बाबा और इन गांवों की 52 देवियों यानी कि जिम्मेदारिन दाई की अनुमति से भूमि देने की सहमति दी गई। लेकिन जब भवन का निर्माण पूरा हो गया तो बिना इन लोगों की जानकारी के भवन का लोकार्पण करा दिया गया। जिससे नाराज होकर गांव के लोगों ने जुर्माना कर दिया।

संविधान का देते हैं हवाला

संविधान का हवाला देते हुए ग्रामसभा के सदस्य सुनील वट्टी का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 244(1) में अनुसूचित क्षेत्रों को अधिकार दिए हैं उसी का पालन करते हुए ग्रामसभा ने ऐसा किया है। आप को बता दें कि इस गांव में कुछ लड़के संविधान की किताब लेकर घूम रहे हैं और गणराज्य के नाम से आदेश जारी कर रहे हैं।

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