शराबी पति से परेशान मुस्लिम महिलाएं यहां बयान करे अपना दर्द
अक्सर मुस्लिम महिलाएं शर्म और झिझक के कारण शिकायत नहीं कर पाती हैं। अब उनका दर्द सुनने के लिए शरई कोर्ट खोला गया है। यहां मुस्लिम महिलाएं अपने शराबी पति की शिकायत बेझिझक कर सकती हैं। ये देश का पहला महिला दारुल-कजा (शरई कोर्ट) है।
इस्लाम में औरतों को बराबर का हक दिया गया है
समस्याओं के निपटारे और दर्द सुनने के लिए दो महिलाएं होगी। हिना जहीर और मरिया फजल यहां आनेवाले मामलों का निपटारा करेंगी। हिना जहीर के मुताबिक, इस्लाम में औरतों को बराबर का हक दिया गया है। मौलानाओं ने चीजों को सही संदर्भ में पेश नहीं किया है। इस शरई अदालत की औपचारिक शुरुआत के कुछ ही देर बाद ही एक युवती अपने शराबी पति की शिकायत लेकर वहां पहुंची।
पहले बनीं थीं शहर काजी
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ऑल इंडिया मुस्लिम ख्वातीन बोर्ड ने 2016 में हिना जहीर को कानपुर की शिया महिला शहर काजी और मरिया फजल को सुन्नी महिला शहर काजी नियुक्त किया था। तब इस नियुक्ति के विरोध में कुछ स्वर उठे थे। हालांकि, बीते दो साल में दोनों महिला शहर काजियों के पास पति-पत्नी के बीच अनबन समेत कई घरेलू मामले पहुंचे। कुछ दिन पहले ख्वातीन बोर्ड और सुन्नी उलमा काउंसिल ने महिला दारुल कजा खोलने की स्वीकृति दे दी। रविवार को इसका उद्घाटन किया गया ।
शराबी पति से तंग युवती आई
कानपुर के एक नामी परिवार में ब्याही एक युवती को उसका शराबी पति बहुत परेशान कर रहा है। पिटाई में युवती के शरीर पर नौ टांके लगे हैं। मामला हाई कोर्ट तक पहुंच चुका है लेकिन इसे बातचीत से सुलझाने की भी कोशिश की जा रही है। युवती शरई अदालत पहुंची और महिला काजियों को पूरी बात बताई।
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