…तो टूटती Congress का अधूरा रह जाएगा सत्ता में लौटने का सपना ?

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Congress: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से सत्ता में लौटने का सपना देख रही कांग्रेस पार्टी का यह सपना तो लगता है अब बस सपना बनकर ही रह जाएगा. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि कांग्रेस पार्टी के हालात इसे बयां कर रहे हैं. साल 2020 से अब तक पार्टी से लगातार अलग होते पार्टी के दिग्गज नेताओं का जाना पार्टी को कमजोर करने का काम कर सकता है. ऐसे में भारत जोड़ो यात्रा में खून पसीना एक कर रहें राहुल गांधी के लिए यह कहना गलत न होगा कि, ”अकेला मांझी पतवार कैसे मांझेगा”?

दूसरी ओर कांग्रेस से लगातार अलग हो रहे पार्टी के दिग्गज नेताओं ने पार्टी के मुश्किल समय में अलग होना अपना फायदा देखना ही कहा जाए तो गलत न होगा. ऐसे में कांग्रेस को छोडने वाले नेताओं की सूची उठाकर देखे तो यह काफी लंबी देखने को मिलती है. वहीं इस लंबी सी लिस्ट में आज एक और नाम शूमार हो गया है वो नाम है महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेता बाबा सिद्दीकी का. अपनी इफ्तार पार्टी में सितारों को उतारने के लिए मशहूर नेता बाबा सिद्दीकी ने आज कांग्रेस से अलग होने का एलान कर दिया है.

सोशल मीडिया पर इस्तीफे का किया ऐलान

इस बात की जानकारी उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से दी है. इस्तीफा का ऐलान करते हुए लिखा है कि, ”मैं एक युवा किशोर के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हुआ और यह 48 वर्षों तक चलने वाली एक महत्वपूर्ण यात्रा रही है. आज मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (INC) की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं. ऐसा बहुत कुछ है जिसे मैं व्यक्त करना चाहता हूं, लेकिन जैसा कि कहा जाता है कि कुछ चीजें अनकही ही रह जाएं तो बेहतर है. मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं जो इस यात्रा का हिस्सा रहे हैं.”

बाबा के इस पोस्ट के बाद यह दावा किया जा रहा है कि, वे एनसीपी में शामिल हो सकते हैं. खैर वे जिस भी पार्टी में शामिल हो , लेकिन उनके जाने से कांग्रेस से अलग होने वाले नेताओं की सूची में बाबा सिद्दीकी का एक और नाम शामिल हो गया है. ऐसे में चर्चा कांग्रेस एक अलग होने वाले नेताओं की चल रही है तो आइए जानते हैं कि अब तक कांग्रेस को अलविदा कहने वालों में कौन – कौन से नेता शामिल हैं और वे कांग्रेस से अलग होने के बाद किस पार्टी का हिस्सा बने.

इतने नेताओं ने कांग्रेस(Congress )को कहा अलविदा

कपिल सिब्बल

कांग्रेस (Congress)से अलग होने वाले नेताओं में सबसे पहला नाम कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का है. साल 2022 में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. इस इस्तीफे के बाद कपिल सिब्बल ने समाजवादी पार्टी की तरफ से राज्यसभा सांसद के तौर पर नामांकन किया था.

ज्योतिरादित्य सिंधिया

2020 में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए. उस दौरान मध्य प्रदेश में कांग्रेस में व्यापक दलबदल हुआ,जिसने कमलनाथ सरकार को गिरा दिया.

गुलाम नबी आजाद

साल 2022 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. ये उस समय पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में से एक थे. पार्टी ने 2022 में झेले गए सबसे बड़े निष्कासनों में से यह एक था इस्तीफा. अब जम्मू-कश्मीर में गुलाम नबी आजाद ने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी का गठन किया है.

एके एंटनी

पिछले साल जनवरी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने पार्टी छोड़ दी और अगले महीने भाजपा में शामिल हो गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को विकास के रास्ते पर लाने के लिए बहुत स्पष्ट दृष्टिकोण रखने की प्रशंसा की है.

अल्पेश ठाकोर

जुलाई 2019 में दो राज्यसभा सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस के पूर्व विधायक अल्पेश ठाकोर ने पार्टी छोड़ दी. वह कुछ दिनों बाद भाजपा में शामिल हो गए और उपचुनाव में राधापुर से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. उन्होंने पिछले वर्ष हुए चुनाव में गांधीनगर दक्षिण से जीत हासिल की थी.

हार्दिक पटेल

मई 2022 में गुजरात के कद्दावर नेता हार्दिक पटेल ने राहुल गांधी को नाराज करते हुए कांग्रेस छोड़ दी. 2019 में हार्दिक को राहुल गांधी ने पार्टी में शामिल किया था. हार्दिक पटेल ने कहा था कि वह त्यागपत्र देने के बाद बीजेपी में शामिल हो गए.

अश्विनी कुमार

साल 2022 फरवरी में पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने पंजाब चुनाव से कुछ दिन पहले कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. 2019 के चुनावों में पार्टी की हार के बाद पार्टी छोड़ने वाले पहले नेताओं में अश्विनी कुमार भी शामिल थे.

सुनील जाखड़

साल 2022 में पंजाब कांग्रेस इकाई का नेतृत्व करने वाले सुनील जाखड़ ने कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद पार्टी छोड़ दी. वह मई में भाजपा में आए और जुलाई में बीजेपी पंजाब इकाई का प्रमुख बन गए.

आर पी एन सिंह

जनवरी 2022 को पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले ऐसा करने वाले सबसे बड़े नेता का दर्जा हासिल किया. पिछड़ी जाति के प्रमुख नेता सिंह को प्रियंका गांधी के नेतृत्व वाले यूपी अभियान से अलग कर दिया गया था.

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जितिन प्रसाद

साल 2021 में जितिन प्रसाद जो पहले केंद्रीय मंत्री भी रहे थे और राहुल गांधी के बहुत करीबी थे, कांग्रेस छोड़ दी. बाद में वह बीजेपी में भी शामिल हो गए. उस समय वह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रमुख ब्राह्मण नेता थे. उन्होंने अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा था कि देश में एकमात्र वास्तविक राजनीतिक पार्टी भाजपा ही है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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