कोरोना की घातक लहर में सुस्त नहीं पड़ी ‘टीबी उन्मूलन’ की चाल
– वर्ष 2020 में निजी क्षेत्र में आए 2739 मरीज, 2021 में आए 3185
– सरकारी केंद्रों पर 5052 मरीजों के सापेक्ष 2021 में 4312 पंजीकृत
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में भी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सक्रियता और सजगता से टीबी मरीजों की निगरानी व दवा का प्रबंध होता रहा. यही कारण है कि पहली लहर में जहां 7791 मरीजों को पंजीकृत किया गया था वहीं जनवरी से अब तक 7497 मरीजों को तलाशा जा चुका है. समय के साथ मरीजों की संख्या बढ़ सकती है. 2019 की तुलना में संक्रमण की तीव्र लहर के चलते बहुत से मरीजों ने सरकारी की जगह निजी स्वास्थ्य केंद्रों का रुख किया. 2020 में सरकारी केंद्रों पर 5052 व निजी पर 2739 मरीज आए थे. वहीं 2021 में सरकारी केन्द्रों पर 4312 व निजी केद्रों पर 3185 मरीज आ चुके हैं.
वर्ष 2019 में कोरोना संक्रमण की शुरुआत व 2021 में दूसरी लहर ने चिकित्सा सेवा को बुरी तरह प्रभावित किया. बावजूद इसके टीबी मरीजों की तलाश और उनके उपचार का कार्य तनिक भी बाधित नहीं हुआ. 2020 में जहां 7791 मरीज मिले थे, वहीं वर्ष 2021 में 7497 मरीज खोजे गए. यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 3.78 प्रतिशत कम है.
जनपद में टीबी मरीजों के आंकड़े :
वर्ष सरकारी क्षेत्र निजी क्षेत्र
2018 5218 2942
2019 7420 5812
2020 5052 2739
2021 4312 3185
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क्षय रोगियों की हो रही जियो टैगिंग
वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का संकल्प लिया गया है. इसे पूरा करने के लिए कोरोना काल में भी टीबी मरीजों की तलाश और इलाज जारी रहा. राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत विभाग टीबी मरीजों की जियो (भौगोलिक) टैंगिग करने में जुट गया है. इसके लिए स्वास्थ्यकर्मी टीबी मरीजों के घर जाकर उनकी लोकेशन निक्षय पोर्टल पर दर्ज कर रहे हैं. टीम को वर्ष 2019, 2020 तथा 2021 के निजी एवं सरकारी क्षेत्र के रोगियों की जियो टैगिंग करते हुए उनकी लोकेशन अपडेट की जा रही है. इससे यह पता चल जाएगा कि किस क्षेत्र या गांव में टीबी रोगियों की सघनता ज्यादा है, ताकि खोजी अभियान के दौरान उस क्षेत्र पर विशेष फोकस किया जा सके. जिला क्षय रोग अधिकारी के मुताबिक जियो टैगिंग से क्षय रोगियों के बारे में सभी जानकारियां आनलाइन हो जाएंगी, जिस पर शासन व प्रशासन स्तर से लगातार निगरानी रखी जा सकेगी. जिला कार्यक्रम समन्वयक ने बताया कि इस समय विभाग की ओर से वर्ष 2019 के 4008, वर्ष 2020 के 3279 व वर्ष 2021 में अब तक 1726 टीबी के मरीजों की जियो टैगिंग हो चुकी है. वर्ष 2019 से अब तक 9013 टीबी मरीजों की जियो टैगिंग का कार्य हुआ है.
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इस आर्टिकल के लेखक राघवेन्द्र मिश्र वरिष्ठ पत्रकार हैं. वह विभिन्न समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं.