जानिये दुनिया की पहली एंटीबायोटिक ‘पेंसिलिन’ की कहानी

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भलाई हमेशा पलट के आती है, आप आज किसी का भला करेंगे तो इसी ज़िंदगी में पलट के उसका फल आपको ज़रूर मिलेगा। ये कहानी उस आदमी की है जिसके एक आविष्कार से दूसरे विश्व युध में क़रीब 40 लाख सिपाहियों की जान बची थी। हम बात कर रहे हैं ऐलेग्ज़ैंडर फ़्लेमिंग की जिसने पेनिसिलिन का आवेशकर किया था। पेनिसिलिन दुनिया की पहली ऐंटीबायआटिक है। पेनिसिलिन एक ऐसी ऐंटीबायआटिक है जिसे चिकित्सा की दुनिया में क्रांति माना जाता है, और इसी ने दूसरे विश्व युद्ध में लाखों सैनिकों की जान बचाई थी।

कौन थे ऐलेग्ज़ैंडर फ़्लेमिंग और वो कैसे बने डॉक्टर?

ऐलेग्ज़ैंडर फ़्लेमिंग का जन्म ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में हुआ था, उनके पिता एक किसान थे। उनके पिता
एक बार अपने खेत पर काम कर रहा था कि उसे किसी बच्चे के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। आवाज की दिशा में जाने पर उसने देखा कि एक बच्चा दलदल में डूब रहा है। किसान ने आनन-फानन एक लंबी टहनी ढूंढी और खुद को जोखिम में डालते हुए बच्चे को बाहर खींच लिया। बच्चे के साथ आई टीम ने उस किसान का शुक्रिया अदा किया।

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कुछ दिन बाद उस बच्चे के पिता फ्लेमिंग से मिलने उसके गांव आए। उन्होंने अपने बच्चे को बचाने के लिए शुक्रिया कहते हुए फ्लेमिंग को एक बड़ी रकम देने की पेशकश की, मगर फ्लेमिंग ने उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया। गरीब किसान के स्वाभिमान से प्रभावित वे सज्जन बात आगे बढ़ाने का कोई और तरीका सोच ही रहे थे कि तभी फ्लेमिंग का बेटा झोपड़ी के दरवाजे पर आया। उसे देखकर सज्जन फ्लेमिंग से बोले, ‘अगर आपको मेरे पैसे लेना मंजूर नहीं है तो आप कम से कम अपने इस बच्चे की शिक्षा की जिम्मेदारी मुझे लेने दें। मैं उसे उसी स्कूल में एडमिशन दिलाऊंगा जिसमें मेरा बेटा पढ़ रहा है। उसके आगे भी उसे ऊंची शिक्षा दिलाऊंगा। फिर आपका बेटा एक ऐसा इंसान बनेगा, जिस पर हम दोनों गर्व महसूस करेंगे।’

पेनिसिलिन

अब फ्लेमिंग ने सोचा कि मैं तो कभी अपने बच्चे को उच्च शिक्षा नहीं दिला पाऊंगा और न ही उसे वे सुविधाएं दिला पाऊंगा, जिससे कि वह बड़ा आदमी बन सके। बच्चे के भविष्य की खातिर वह तैयार हो गया। अब फ्लेमिंग के बेटे को सर्वश्रेष्ठ स्कूल में पढ़ने का मौका मिला। आगे बढ़ते हुए उसने लंदन के प्रतिष्ठित सेंट मेरीज मेडिकल स्कूल से स्नातक डिग्री हासिल की। आगे चलकर एक गरीब और स्वाभिमानी किसान का यही बेटा पूरी दुनिया में पेनिसिलिन का आविष्कारक महान वैज्ञानिक सर अलेक्जेंडर फ्लेमिंग के नाम से विख्यात हुआ।

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विंसटन चर्चिल के साथ की थी पढ़ाई

फ़्लेमिंग के पिता को बच्चे की जान बचाने के लिए रूडोल्फ़ चर्चिल ने ऐलेग्ज़ैंडर की पढ़ाई अपने बच्चे के साथ कराई, और फ़्लेमिंग का दोस्त और रूडोल्फ़ का बेटा आगे चलकर ब्रिटेन का दो बार प्रधान मंत्री बना जिसका नाम विंसटन चर्चिल था। मज़े की बात ये है एक बार विंसटन चर्चिल की जान एक बार फ़्लेमिंग के पिता ने बचाई और दूसरी बार उनकी जान खुद ऐलेग्ज़ैंडर फ़्लेमिंग ने बचाई थी, इस बार फ़्लेमिंग के आविषकर पेनिसिलिन ने चर्चिल की जान बचाई थी, जब उन्हें निमोनिया हुआ था।

 

(Original Caption) Sir Winston Churchill making the famed “V” for “Victory” sign. He is shown in the uniform of the Royal Auxiliary Airforce. Ca. 1940-1945.
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