नीतीश के “INDIA ” गठबंधन के संयोजक बनने की पटकथा तैयार…
कांग्रेस हाइकमान ने नीतीश संग लालू से की बात
नई दिल्ली: देश में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा (BJP) को हराने और मोदी सरकार को टक्कर देने के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन ( INDIA ) को जल्द ही संयोजक मिल सकता है. सूत्रों के अनुसार चार बैठकों के बाद अब जो संभावना बन रही है वह यह है कि जल्द ही बिहार सीएम नीतीश कुमार ( Nitish Kumar) को इंडिया गठबंधन ( INDIA Alliance)का संयोजक बनाया जा सकता है. इसके बारे में कांग्रेस हाईकमान ने लालू यादव ( LALU YADAV ) और नीतीश से बात भी की है.
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के आलाकमान ने नीतीश कुमार से बातचीत की और कहा जा रहा है कि नीतीश के संयोजक बनाये जाने पर मल्लिकार्जुन खगड़े को इंडिया अलायन्स का चेयर पर्सन बनाया जा सकता है.
वर्चुअल मीटिंग में लग सकती है मुहर
आपको बता दें कि नीतीश कुमार को गठबंधन का संयोजक (Convener) नियुक्त किए जाने की पटकथा लिख दी गई है. इस फैसले पर अंतिम मुहर इस सप्ताह होने वाली वर्चुअल मीटिंग में लगाई जाएगी. वहीं बैठक में अन्य सहयोगी दलों का भी इसपर समर्थन लिया जाएगा.
विपक्षी दलों को एक मंच पर लाए थे नीतीश
गौरतलब है कि होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए नीतीश कुमार ने सभी विपक्षी दलों को साथ लेने में अहम भूमिका निभाई थी. गठबंधन की पहली बैठक पटना में हुई थी जिसमें प्रमुख भूमिका नीतीश कुमार ने निभाई थी.
दिल्ली बैठक में रखा जाना था प्रस्ताव
दिल्ली में 19 दिसंबर को मीटिंग के बाद खबर आई थी कि नीतीश को संयोजक बनाए जाने के नाम पर विपक्षी दलों के बीच सहमति बन गई थी. लेकिन वहां ‘हिंदी-हिंदुस्तान’ विवाद पर नीतीश की नाराजगी जताए जाने पर यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था.
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हिंदी बेल्ट का मजबूत चेहरा
लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के सामने सब ज्यादा चुनौती है हिंदी- बेल्ट राज्य, जहां मोदी का जादू चलता है. खासकर यूपी-बिहार जैसे राज्यों में उसे बीजेपी की मजबूत चुनौती से निपटना है. उधर कांग्रेस इन राज्यों में बीजेपी को अकेले चुनौती देने की हालत में नजर नहीं आ रही है. दूसरी ओर हिंदी बेल्ट से नीतीश एक मजबूत चेहरा हैं.
गठबंधन के गणित में माहिर है नीतीश कुमार
आज के समय में भले ही नए राजनीतिक लोग अमित शाह को राजनीति का चाणक्य कहते हों लेकिन नीतीश कुमार को केंद्र सरकार में मंत्री से लेकर बिहार के सीएम रहने तक का लंबा अनुभव है. वहीं बिहार में कुछ समय तक के जीतम राम मांझी का कार्यकाल को हटा दें तो नीतीश 2005 से लेकर अब तक प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. नीतीश की छवि ऐसे नेता की भी है जो गठबंधन के गणित में माहिर हैं.