बुराड़ी का मकान, दुकान खुली देख आश्चर्य में पड़ोसी
1 जुलाई 2018 रविवार की वो सुबह जब सिर्फ दिल्ली ही नहीं पूरा देश भी उस चौंका देने वाली खबर के साथ उठा कि राजधानी के बुराड़ी में भाटिया परिवार के 11 सदस्यों ने एक साथ फांसी पर लटक कर आत्महत्या कर ली। यह खबर जितनी ही हैरान करने वाली थी उतनी ही रहस्यमयी।
घर गुरुवार को दोबारा खुलने से चर्चा में आ गया है
जैसे-जैसे इस मामले की परतें खुलती गईं यह और रहस्यमयी होता गया। बुराड़ी के इस घर में जांच के दौरान कई ऐसी चीजें सामने आईं जो समझ से परे थीं और जिज्ञासा को हर पल दुगना करती जाती थीं। अब तीन महीने बाद भाटिया परिवार का वो घर गुरुवार को दोबारा खुलने से चर्चा में आ गया है। इतने समय बाद उस घर में किस तरह के बदलाव देखे गए हैं…
11 सदस्यों की मौत से जोड़कर देखा जा रहा था
.भाटिया परिवार के उस घर में मौजूद जिस चीज की सबसे ज्यादा चर्चा हुई थी वो थी घर के बाहरी दीवार पर लगी 11 पाइपें। इनमें सात झुकी हुई थीं वहीं चार सीधी थीं। जब तीन माह बाद घर खुला तो ललित भाटिया के बड़े भाई दिनेश ने सबसे पहले इन विवादित पाइपों को तुड़वा दिया। इन पाइप को परिवार के 11 सदस्यों की मौत से जोड़कर देखा जा रहा था।
परिवार के बड़े बेटे दिनेश ने इन्हें तुड़वाकर बंद करा दिया है
इससे पहले दिनेश ने इन पाइप को तोड़ने की अनुमति पुलिस से मांगी थी लेकिन कोर्ट से आदेश न मिलने के कारण इसे नहीं तोड़ा जा सका। लेकिन अब जब भाटिया परिवार को घर का कब्जा मिल गया तो परिवार के बड़े बेटे दिनेश ने इन्हें तुड़वाकर बंद करा दिया है।स्थानीय लोगों का कहना है कि वो 1 जुलाई को हुए इस सामुहिक आत्महत्या के मामले को धीरे-धीरे भूल चुके थे लेकिन गुरुवार को घर और दुकान का दरवाजा खुलने से एक बार फिर वो यादें ताजा हो गई हैं।
साफ-सफाई कर उन्होंने नवरात्रि की पूजा भी की है
जानकारी के अनुसार सुबह करीब 9:30 बजे नौकर राम विलास ने ललित के प्लाईबोर्ड की दुकान का ताला खोला और दुकान की सफाई कर ग्राहकों का इंतजार करने लगा। इस दौरान घर के सामने से गुजरने वाले लोग उसे खुला देख वहां कुछ देर रुकते फिर आपस में चर्चा करते हुए आगे निकल जाते।घर के बड़े बेटे दिनेश से पूछने पर उसने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ यहां आया है। उसने ये भी बताया कि घर की साफ-सफाई कर उन्होंने नवरात्रि की पूजा भी की है।
वो बोले कि इस दुकान के सहारे कई लोगों का घर चलता था। यही वजह है कि नौकर रामविलास की तलाश की गई और उसे दुकान पर बैठाया गया है।दिनेश ने ये भी कहा कि उनके परिवार के यहां रहने से लोगों के बीच फैला अंधविश्वास भी दूर होगा। वो बोले कि इस घर में उनकी रात आराम से जरूर बीती लेकिन उन्हें परिवार की याद भी आई। साभार
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