Video : भारत का स्विट्जर्लेंड है औली, एक बार जरुर जाएं
ये कोई जरूरी नहीं कि आप गर्मियों में ही किसी हिल स्टेशन जाएं। सर्दी के मौसम में तो इसका मजा और भी बढ़ जाता है। अगर आप घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो देश की राजधानी दिल्ली से करीब 500 किलोमीटर दूर उत्तराखंड के औली जा सकते हैं।
औली चमोली जिले में एक बेहद ही खुबसूरत हिल स्टेशन है…यहां गर्मियों के मुकाबले सर्दियों में ज्यादा चहल-पहल होती है।
अगर आप औली घूमने के लिए प्लान कर रहे हैं और ट्रेन से जाना चाहते हैं तो आपको हरिद्वार तक ट्रेन से जाना होगा। यहां से करीब 299 किलोमीटर की दूरी आपको बस या फिर टैक्सी से तय करके जाना होगा।
अगर हवाई जहाज से सफर तय करना चाहते हैं तो आपको जौली ग्रांट एयरपोर्ट जाना होगा। वहां से भी औली की दूरी करीब 273 किलोमीटर है। यहां से भी आपको बस या टैक्सी में सफर तय करके औली पहुंचना होगा।
औली एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है, जहां दुनिया भर से पर्यटक स्कीइंग के लिए आते हैं। यह खूबसूरत जगह समुद्रतल से करीब 10 हजार फीट ऊपर स्थित है। यहां आपको शंकु के आकार के जंगल देखने को मिलेंगे। औली का इतिहास 8वी शताब्दी में पाया जाता है।
पहाड़ियों के बीच में उडेंगे
औली तक पहुंचने के लिए जोशीमठ में देश के सबसे तेज स्पीड वाला रोप वे बनाया गया है। करीब 22 मिनट में आप रोप वे से सफर तय करके औली पहुंच जाएंगे।
देवदार के घने जंगल से होते हुए यह ढलानों के ऊपरी छोर तक पहुंच जाता है। जब आप रोप वे में सफर कर रहें होंगे तो आप कई पहाड़ियों के में उड़ते हुए औली पहुंचेगें।
मानों रुई बिछी हो
जैसे ही आप रोप वे पर सफर तय करना शुरू करेंगे तो कुछ दूर चलते हीं आपको देवदार के पेड़ दिखने लगेंगे और इन पेड़ों के बीच-बीच में आपको बर्फ की चादरें दिखाई देने लगेंगी, जैसे मानों रुई बिछी हो।
घूमने के लिए बेस्ट टाइम
हिल स्टेशन होने के कारण यहां हर मौसम में पर्यटक आनंद लेते हैं, लेकिन नवंबर से अप्रैल के बीच का मौसम औली घूमने जाने के लिए बेस्ट होता है।
स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां फरवरी के महीने में सबसे ज्यादा बर्फबारी होती है और फरवरी में ही सबसे ज्यादा पर्यटक यहां घूमने आते हैं।
स्कीइंग सीख करते हैं यहां
अगर आप स्कीइंग सीखना चाहते हैं तो आप 7 दिन का नॉन सर्टिफिकेट और 14 दिन की सर्टिफिकेट ट्रेनिंग दी जाती है। यह ट्रेनिंग जनवरी से मार्च के बीच दी जाती है। गढ़वाल मण्डल विकास निगम के साथ-साथ निजी संस्थानों द्वारा भी ट्रेनिंग सुविधा दी जाती है।
7 दिन तक स्कीइंग सीखने के लिए भारतीय पर्यटकों से 4,710 रुपए और विदेशी पर्यटकों से 5,890 रुपए शुल्क के रुप में लिया जाता है। 14 दिन तक स्कीइंग सीखने के लिए भारतीय पर्यटकों से 9,440 रुपए और विदेशी पर्यटकों से 11,800 रुपए शुल्क लिया जाता है।
कैंपिग का भी ले सकते हैं मजा
औली में कैंपिंग की भी सुविधा काफी अच्छी है। यहां हजारों पर्यटक हर साल कैंपिंग का लुत्फ उठाते हैं। औली में कई निजी संस्थान हैं जो कैंपिंग कराते हैं…रहने के साथ-साथ वो खाने के लिए भी सुविधा देते हैं।
कहां ठहरें ?
औली में ठहरने के लिए गढ़वाल विकास निगम ने एक गेस्ट हाउस है। जिसमें करीब 110 कमरें हैं। खाने की बात करें तो यहां भारत-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) का एक रेस्टोरेंट है। ठहरने के लिए आप यहां से घूमने के बाद जोशीमठ भी जा सकते हैं। जोशीमठ में कई होटल व गेस्ट हाउस हैं। जहां आपको बजट के अनुसार आपको ठहरने के लिए अच्छी सुविधाएं मिल जाएंगी।
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