विलुप्त होती कजरी के लिए नगर निगम ने कराया ये…

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वाराणसी : बनारस की विलुप्त हो रही कजरी को फिर से जीवित करने के लिए नगर निगम और सामाजिक संस्थाओं ने वाराणसी में कजरी महोत्सव की शुरुआत की है। वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में एक दिवसीय कजरी महोत्सव की शुरुआत की गई है। जिसमे बनारस घराने के शास्त्रीय कलाकरों ने अपनी प्रस्तुति प्रस्तुत की। शास्त्री गायिका डॉ रेवती साकलकर ने कारे भंवरा तुमने जुलुम किया। को स्वर देते हुए सुर लगाया। इसके बाद उर्मिला श्रीवास्तव ने मंच सम्भालते हुए बनारसी कजरी से श्रोताओं को पिरो दिया।

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शास्त्रीय गायिका सोमा घोष का गर्मजोशी से हुआ स्वागत

पद्म श्री और बनारस घराने की शास्त्रीय गायिका सोमा घोष ने जैसे ही मंच सम्भारा श्रोताओं ने गर्म जोशी से उनका स्वागत किया। और फिर सोमा घोष ने अरे राम रिमझिम बरसे ला पनिया चलि आव तू जनिया जैसी कजरी से श्रोताओं को विभोर किया। इस मौके पर यूपी सरकार की पर्यटन संस्कृति एवं जिले के प्रभारी मंत्री की जयवीर सिंह पद्म विभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र और महापौर अशोक कुमार तिवारी महोत्सव का दीप जलाकर शुभारंभ किया।

 

महापौर अशोक तिवारी की माने तो कजरी महोत्सव करने के पीछे का उद्देश्य यह है कि एक समय बनारस और मिर्जापुर के घर-घर में सावन के महीने में कजरी गाई जाती थी। लेकिन आधुनिकता के दौर में कहीं ना कहीं कजरी विलुप्त हो रही है। इस विलुप्त हो रही कजरी को बचाने के उद्देश्य से कजरी महोत्सव की शुरुआत की गई । ताकि लोगो को जानकारी मिल सके कि सावन के महीने में बनारस में कजरी की परंपरा का निर्वहण कैसे किया जाता है।

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बनारसी कजरी को बचाने के उद्देश्य हुआ महोत्सव का आयोजन

बनारस में सावन के महीने में घर-घर में कजरी गीत गाये जाते रहे है। लेकिन आधुनिकता के दौर में कहीं ना कहीं बनारस की कजरी अब खत्म हो गई है लिहाजा इस कजरी को बचाने के लिए नगर निगम और सामाजिक आगे आकर कजरी महोत्सव जय शिव कार्यक्रम कराकर समाज में कजरी के प्रति लोगो को जागरुक करने का काम किया जा रहा है।

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