अतीक मर्डर: अतीक-अशरफ की हत्या करने वाले हत्यारों की कुंडली आई सामने, जानिए इनके क्रिमिनल रिकॉर्ड
यूपी के प्रयागराज में शनिवार रात को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई. इस मामले में 3 हमलावरों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया. इन तीनों की पहचान लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सन्नी के रूप में हुई है. इनसे पूछताछ की जा रही है. लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है, जबकि अरुण मौर्य कासगंज का निवासी है. तीसरा आरोपी सनी हमीरपुर से है. इनमें से एक शूटर ने अतीक को बेहद करीब से गोली मारी जबकि बाकी दो शूटर ने अशरफ पर फायरिंग की. अब इन तीनों हमलावरों की पूरी कुंडली सामने आई है.
घटना के समय अहमद बंधुओं का साथ दे रहे पुलिस अधिकारियों ने बांदा निवासी लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर निवासी मोहित उर्फ सन्नी (23) और कासगंज से अरुण मौर्य (18) को गोली मारने के बाद गिरफ्तार कर लिया. एक समाचार एजेन्सी के मुताबिक, क्रॉस-फायर में लवलेश तिवारी को चोटें आईं, जिसके परिणामस्वरूप एक पुलिस अधिकारी भी घायल हो गया. तो हमलावर कौन हैं और हम उनके बारे में क्या जानते हैं?
अपराध की दुनिया में नाम कमाना चाहता था लवलेश…
लवलेश के पड़ोसी ने आगे दावा किया कि लवलेश अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहता था.
विशेष डीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, तिवारी पर अवैध शराब बेचने और बांदा में शहर और बेबेरू पुलिस थानों में महिलाओं के साथ मारपीट और उत्पीड़न करने सहित कई आरोप हैं.
उसपर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए हैं.
सनी सिंह का आपराधिक इतिहास…
दूसरा अभियुक्त 23 वर्षीय पुराना उर्फ़ सनी सिंह हमीरपुर का रहने वाला है. सनी के ख़िलाफ़ कुल 14 मुक़दमे हैं.
इसमें आर्म्स एक्ट, जानलेवा हमले, लूट, गैंगस्टर एक्ट और गुंडा एक्ट जैसी संगीन धाराएं शामिल हैं.
पुलिस के मुताबिक़, यह ज़मानत पर बाहर आया था, लेकिन इसके बाद वापस नहीं लौटा और फ़रार चल रहा था.
सनी 2022 से लापता चल रहा था और बताया जाता है कि वह पश्चिम उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सक्रिय सुंदर भाटी गैंग से जुड़ गया था.
सुंदर भाटी गैंग पर नोएडा और ग़ाज़ियाबाद में कई मुक़दमे हैं.
पुलिस के मुताबिक़, यह सभी 14 मुक़दमों में चार्जशीटेड है और 2021 में ज़मानत पर छूटा था, निगरानी में था, लेकिन लौटा नहीं.
अरुण मौर्या के परिवार का कोई सदस्य गांव में नहीं है…
पता चला है कि कथित शूटर के माता-पिता अब जीवित नहीं हैं.
पड़ोसियों के मुताबिक, मौर्य के दो भाई दिल्ली में कबाड़ का कारोबार करते हैं.
इसके अलावा, पड़ोसियों ने दावा किया कि गांव में कोई भी मौर्य के ठिकाने या उसकी गतिविधियों के बारे में नहीं जानता था.
ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने लगभग एक दशक पहले गांव छोड़ दिया था, और उनका वर्तमान स्थान उनके लिए अज्ञात था. यूपी पुलिस ने कहा कि मौर्य की आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है.
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