#Metoo के आरोपों से घिरे एमजे अकबर की कोर्ट में सुनवाई आज

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देश भर में मीटू अभियान ने हलचल मचा दी है। आज मीटू से जुड़े मामले की पहली सुनवाई कोर्ट में होगी। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एमजे अकबर ने महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि केस दायर किया था।

अपने ऊपर लगातार लग रहे आरोपों की वजह से अकबर ने बुधवार को केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मीटू अभियान के सामने आने और कई महिला पत्रकारों द्वारा अकबर के खिलाफ आरोप लगाए जाने के 10 दिन बाद भारतीय राजनीति में यह पहला इस्तीफा है।

रमानी ने लगाया था अकबर पर आरोप

महिला पत्रकार प्रिया रमानी ने 7 अक्टूबर को 1 साल पहले एक पत्रिका में टॉप एडिटर के व्यवहार के बारे में लिखा था, बाद में साफ हुआ कि आरोप केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के बारे में थे। रमानी ने लिखा था कि अकबर ने कथित तौर पर उन्हें एक होटल के रूम में जॉब इंटरव्यू के लिए बुलाया, जो इंटरव्यू कम और डेट ज्यादा थी।

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उन्होंने लिखा कि अकबर ने उन्हें हिंदी गाने सुनाए और उनके करीब बैठने को कहा। कई अन्य महिलाओं ने अकबर पर उनके खराब व्यवहार के बारे में आरोप लगाए, जब वह मीडिया संस्थान में उनके बॉस थे। इनमें शुमा राय, शुतापा पॉल, रुथ डेविड, कनिका गहलौत शामिल थीं।

कई महिलाएं आईं सामने

इसके बाद कई आर्र महिलाओं ने अकबर पर इस तरह के आरोप लगाए। जिस समय अकबर पर आरोप लगे, उस समय वह अफ्रीका के आधिकारिक दौरे पर थे। उनके मंत्रालय की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जवाब नहीं दिया, जबकि स्मृति ईरानी ने कहा कि यह अकबर पर है कि वह आधिकारिक बयान जारी करें। मेनका गांधी ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए।

आरोपों को किया खारिज

14 अक्टूबर को अकबर भारत लौटे। दिल्ली एयरपोर्ट पर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वह इस मामले पर बयान जारी करेंगे। रविवार शाम, अकबर ने सभी आरोपों से इनकार कर दिया। उन्होंने साथ ही लिखा कि उन पर लगाए गए आरोप गलत और बेबुनियाद हैं जो उनकी छवि को खराब करने के लिए बनाए गए।

रमानी के खिलाफ मानहानि का केस

अकबर ने महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि केस दायर किया। उनके मामले को कोर्ट ने 18 अक्टूबर के लिए लिस्ट किया। केस में लिखा गया- रमानी ने जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण रूप से पूरी तरह झूठे और घृणित आधार पर अकबर को अपमानित करने के लिए आरोप लगाए। रमानी ने बयान जारी कर कहा कि अकबर पीड़ितों को धमकाने और उत्पीड़न के साथ चुपचाप करने के इरादे रखते थे।

पीड़ितों के समर्थन में आए लोग

एशियन ऐज में काम करने वाले पूर्व पत्रकार अक्षय मुकुल, रशीद किदवई, कमलेश सिंह समेत कुछ अन्य ने पीड़ितों के समर्थन में खड़े हुए। इसके अलावा अन्य कुछ शीर्ष पत्रकारों ने रमानी को अकबर के खिलाफ इस कानूनी मामले को लड़ने के लिए आर्थिक मदद करने का भी आश्वासन दिया। एक अन्य महिला पत्रकार ने अकबर पर आरोप लगाए कि उन्हें भी होटल के रूम में बुलाया जहां वह अंडरवियर में खड़े थे। साभार

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