सौराठ सभा का आगाज, अब बनेंगी जोड़ियां

0

बिहार के मिथिलांचल की 700 साल पुरानी ऐतिहासिक सौराठ सभा मधुबनी जिले के सौराठ गांव में शुरू हो गई है। मिथिलालोक फाउंडेशन के तत्वाधान में इस वर्ष यहां सैकड़ों मैथिल ब्राह्मण वर-वधू परिणय सूत्र में बंधेंगे। प्राचीन संस्कृति एवं वैवाहिक व्यवस्था के लिए प्रख्यात सौराठ सभा का आयोजन प्रतिवर्ष मधुबनी जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित सौराठ गांव में किया जाता है।

इस वर्ष 25 जून से तीन जुलाई तक चलने वाले इस सौराठ सभा का उद्घाटन कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ़ सर्वनारायण झा ने रविवार को किया।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “इस धरोहर को आधुनिक तकनीक से जोड़कर युगानुकूल बनाने की जरूरत है।” मिथिलालोक फाउंडेशन के इस पहल की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि मिथिला की संस्कृति विशेषकर सौराठ सभा का ‘कंसेप्ट’ विश्व के लिए आदर्श बन सकता है।

इस अवसर पर मिथिलालोक फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. बीरबल झा ने कहा, “देश-विदेश से आए हुए प्रतिभागियों की यह जिम्मेदारी है कि हम अपनी संस्कृति और धरोहर को संजोकर रखें, अन्यथा हमारी आनेवाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी।” उन्होंने कहा कि मिथिला सहित सारे बिहार में अगले महीने से फाउंडेशन द्वारा ‘दहेजमुक्त विवाह अभियान’ चलाया जाएगा। इस अभियान का केंद्रबिंदु ऐतिहासिक सौराठ सभा यानी सभा गाछी होगा।

डॉ़ झा ने मिथिला की संस्कृति पर गर्व करते हुए कहा, “आठवीं सदी के आचार्य मंडन मिश्र-आदि शंकराचार्य के बीच हुए शास्त्रार्थ की पंरपरा को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है, जिससे कि आने वाली पीढ़ी में बौद्धिकता का विकास हो सके। इसी क्रम में 29 जून को यहीं सौराठ में मिथिला के कई विद्वान विभिन्न विषयों पर शास्त्रार्थ करेंगे।”

अंग्रेजी भाषा के जाने माने विद्वान एवं दर्जनों पुस्तकों के लेखक झा ने कहा कि मिथिला ज्ञान की भूमि है, इसके सर्वागीण विकास के लिए सरकार द्वारा स्वीकृत त्रिभाषा फार्मूला को अपनाने की आवश्यकता है, जिसके तहत लोग मैथिली और हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी को भी अपनाएं।

इस वर्ष सौराठ सभा की सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि दर्जनों योग्य वरों ने विवाह के लिए आवेदन दिया है। साथ ही प्रख्यात चार्टर्ड अकाउंटेंट संजय झा ने अपनी डॉक्टर पुत्री के विवाह के लिए यहां आवेदन दिया है।

Also read : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए समिति का गठन

प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता प्रफुल्लचंद्र झा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में वेद विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर विदेश्वर झा, विद्यापति सेवा संस्थान (दरभंगा) के महासचिव वैद्यनाथ चौधरी, अंतर्राष्ट्रीय मैथिल महासंघ के अध्यक्ष डॉक्टर धनाकर ठाकुर भी उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि सौराठ सभा मिथिलांचल क्षेत्र में प्रतिवर्ष लगने वाला एक विशाल सभा है, जिसमें योग्य वर का चयन यहां आए कन्याओं के पिता करते हैं। 22 बीघा जमीन पर लगने वाली इस सभा में मैथिल ब्राह्मण समुदाय के लोग योग्य वर, वधुओं की तलाश में इकट्ठे होते हैं। पंजीकार वैवाहिक रिकार्ड (पंजी) देखने के बाद विवाह की स्वीकृति देते हैं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More