पद्मावती विवाद : गला और नाक काटने की धमकी पर FIR दर्ज
संजय लीला भसाली की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं है। दिन पर दिन फिल्म पद्मावती में विवाद तूल पकड़ते जा रहा है। फिल्म ‘पद्मावती’ विवादों में उलझती जा रही है। हाल ही में यूपी के मेरठ में अखिल भारतीय क्षत्रिय युवा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक सोम ने फिल्म के प्रोड्यूसर संजय लीला भंसाली और पद्मावती का किरदार निभाने वाली दीपिका पादुकोण का गला काटने के लिए 5 करोड़ का इनाम रखा था।
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हाल ही में खबर आई है कि दोनों पर इनाम रखने वाले अभिषेक सोम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है। एसओ नौचंदी मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि एफआईआर आईपीसी की धारा 115 और 505 के तहत दर्ज कर अभिषेक सोम की तलाश की जा रही है।
क्योंकि प्रमाणन के लिए आवेदन अधूरा था
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने संजय लीला भंसाली निर्देशित ‘पद्मावती’ को फिल्मकारों के पास वापस भेज दिया है क्योंकि प्रमाणन के लिए आवेदन अधूरा था। सीबीएफसी के अनुसार मुद्दा सुलझाने के बाद बोर्ड के पास फिल्म भेजे जाने पर तय मानदंडों के मुताबिक एक बार फिर इसकी समीक्षा की जाएगी। गौरतलब है कि फिल्म को लेकर कई राजपूत समूह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
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सीबीएफसी में एक सूत्र ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘प्रमाणन के लिए फिल्म को पिछले सप्ताह भेजा गया था। जैसा कि आमतौर पर करते हैं, हमने दस्तावेजों की जांच की। फिल्मकारों को यह बता दिया गया है कि उनका आवेदन अधूरा है। उन्हें इसे दूर करना होगा और फिर इसे ठीक कर वापस भेजना होगा, जिसके बाद हम उसे फिर से देखेंगे।
प्रमाणन की बारी आने पर इसकी भी जांच जाएगी
‘सूत्र ने बताया, ‘कमियों को ठीक करने के बाद जब वे (फिल्मकार) हमारे पास इसे भेजेंगे तो हम एक बार इसकी जांच करेंगे और फिल्म के लिए प्रमाणन की बारी आने पर इसकी भी जांच जाएगी।’ बहरहाल किस आधार पर आवेदन में कमी निकाली गई जिसके कारण इसे संशोधन के लिए फिल्मकारों को वापस भेजा गया, इस बारे में सूत्र ने विस्तत जानकारी देने से इनकार कर दिया।
(साभार – हिंदुस्तान)
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