रायबरेली की दो सीटों पर बसपा नहीं उतारेगी उम्मीदवार !

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एक तरफ जहां बीजेपी 2019 में रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीटों को गांधी परिवार से छीनने की पुरजोर कोशिश कर रही है, वहीं ऐसी पूरी संभावना है कि अगले लोकसभा चुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) इन दोनों सीटों पर कोई उम्मीदवार ही ना उतारे। अगर ऐसा हुआ तो इससे कांग्रेस को काफी हद तक राहत मिलेगी।

बीएसपी के न उतरने से कांग्रेस-बीजेपी में होगी सीधी टक्कर

मायावती के करीबी बीएसपी नेताओं ने इस बात की पुष्टि की और कहा कि इस कदम से वोट बिखरेंगे नहीं और इस तरह इन दोनों सीटों पर बीजेपी, कांग्रेस की सीधी टक्कर में कांग्रेस भारी पड़ेगी। समाजवादी पार्टी अमेठी में 2004 से और रायबरेली में 2009 के लोकसभा चुनावों से ही इन दोनों सीटों पर कोई उम्मीदवार नहीं उतार रही है।

सपा से गंठबंधन होने पर बसपा नहीं उतारेगी उम्मीदवार

एक वरिष्ठ बीएसपी नेता ने कहा, ‘अगर समाजवादी पार्टी के साथ लोकसभा चुनावों में गठबंधन होता है, तो इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि बीएसपी रायबरेली और अमेठी में कोई उम्मीदवार ना उतारे। अगर ऐसा हुआ तो बीएसपी के हिस्से का वोट भी कांग्रेस को ही जाएगा।’ एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने स्वीकार किया कि अमेठी में त्रिकोणीय मुकाबला हुआ तो रिजल्ट पार्टी के पक्ष में ही जाएगा।

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बीजेपी आखिरी बार जीती थी रायबरेली की सीट

बीजेपी ने रायबरेली सीट आखिरी बार साल 1996 और 1998 के लोकसभा चुनावों में जीती थी। इसके बाद इस सीट पर कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा, जबकि बीएसपी फिर भी वोटों के मामले में आगे थी। 2009 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी का अमेठी में वोट शेयर 14 फीसदी और रायबरेली में 16 फीसदी था, जबकि बीजेपी का इन दोनों सीटों पर वोट शेयर क्रमशः महज 4 और 6 फीसदी था। हालांकि 2014 के चुनाव में स्मृति इरानी के अमेठी से चुनाव मैदान में उतरने के बाद बीजेपी का वोट शेयर 34 फीसदी हो गया और रायबरेली में यह 21 फीसदी रहा।

सीट शेयरिंग में कांग्रेस को मिलेंगी 10-12

सूत्रों ने बताया कि विपक्षी पार्टियां पहले से ही सीट शेयरिंग के फॉर्म्युले पर काम कर रही हैं। एक कांग्रेस नेता ने कहा, ‘बीएसपी और एसपी आपस में तय करेंगे कि उन्हें कहां और कितनी सीटों पर लड़ना है। सीट शेयरिंग में कांग्रेस को 10-12 सीटें मिल सकती हैं, जिनमें रायबरेली और अमेठी तो रहेंगी ही।’ कांग्रेस बीएसपी को पहले से ही समर्थन दे रही है। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के सात विधायकों ने बीएसपी के लिए वोट किया था और इसके बाद विधानपरिषद चुनाव में भी बीएसपी को सपॉर्ट करने का वादा किया था।

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