आज पेश होगा तीन तलाक बिल, कांग्रेस पर टिकीं नजरें

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एक साथ तीन तलाक को अपराध ठहराने वाला बिल मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इस बिल को लोकसभा में मंजूरी मिल चुकी है। इस मामले पर सबकी नजरें कांग्रेस पर टिकी हुई हैं। लेफ्ट पार्टियां पिछले कुछ समय से इस मामले पर कांग्रेस के साथ बातचीत में लगी हैं। लेफ्ट पार्टियों की मांग है कि इस बिल को सेलेक्ट कमिटी को भेजा जाए।

बीजेपी इसके लिए साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करना चाहती है

ऐसे में सेक्युलर मोर्चे की तरफ से इस मामले को लेकर कांग्रेस पर दबाव बढ़ सकता है।सूत्रों की मानें तो खुद कांग्रेस पार्टी में इस बात की चर्चा है कि कांग्रेस अपनी समान विचारधारा वाली पार्टियों से दूर हो रही है। सीपीएम के जनरल सेक्रटरी सीताराम येचुरी ने कहा, ‘हम एक साथ तीन तलाक के खिलाफ हैं और चाहते हैं कि इसका खात्मा होना चाहिए। लेकिन मुस्लिम समाज में शादी एक आपसी करार है और नए बिल में इसे अपराध माना गया है, जो पूरी तरह गलत है। बीजेपी राजनीतिक फायदा उठाने के लिए जल्दबाजी में इस बिल को लेकर आई है। बीजेपी इसके लिए साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करना चाहती है।’

इस मुद्दे पर राय लेने की भी जरूरत नहीं समझी

सीपीएम के पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ‘सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के जरिए उस व्यवस्था को आपराधिक साबित कराना चाहती है, जो एक सिविल डिस्प्युट है। जब सरकार महिला सशक्तिकरण के नाम पर यह सब कर रही थी तो उन्होंने मुस्लिम महिलाओं और इससे जुड़े संगठनों से इस मुद्दे पर राय लेने की भी जरूरत नहीं समझी।’

कांग्रेस पार्टी पर भी इस मुद्दे को लेकर काफी दबाव है

सीपीआई के जनरल सेक्रटरी डी राजा ने कहा, ‘लेफ्ट पार्टियों की कोशिश होगी कि इस बिल को सेलेक्ट कमिटी को भेज दिया जाए।’ ऐसे में सबकी नजरें कांग्रेस पर आ टिकी हैं। कांग्रेस पार्टी का फैसला ही अब इस बिल का भविष्य तर सकता है। ऊपरी सदन में सरकार के पास बहुमत नहीं है। वहीं विपक्षी पार्टियां ऐसे कई मोर्चों पर नरेंद्र मोदी सरकार का विरोध करने के लिए एकजुट हो चुकी हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी पर भी इस मुद्दे को लेकर काफी दबाव है।

(साभार-nbt)

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