…इसलिए तोडा सपा से गठबंधन, मायावती ने किया खुलासा
UP Politics: प्रदेश में 2019 में हुए बसपा और सपा के बीच हुए गठबंधन टूटने को लेकर आज मायावती ने बड़ा खुलासा किया है. मायावती ने कहा कि 2019 लोकसभा में समाजवादी पार्टी को महज पांच सीटें मिली. इससे हताश होकर अखिलेश यादव ने मेरा फ़ोन उठाना बंद कर दिया था. मायावती ने इसका दावा अपनी बुकलेट में किया है.
विधानभा चुनाव 2027 के लिए बांटी बुकलेट…
बता दें कि मायावती ने अभी से ही विधानसभा 2027 के लिए तैयारियां शुरू कर दी है. मायावती ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में सपा को पांच जबकि बसपा को 10 सीटें मिली थी. उन्होंने कहा कि गठबंधन टूटने की बड़ी वजह बनी थी सपा के बड़े नेताओं का फ़ोन न उठाना. मायावती ने इस बुकलेट में सपा के साथ हुए दो बार के गठबंधन के बारे में बताया है.
गेस्ट हाउस कांड था मुख्य वजह…
गौरतलब है कि मायावती ने पिछले दिनों हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में 59 पेज की एक अपील बुकलेट बांटी थी. इस बुकलेट में मायावती ने समाजवादी के साथ फिर से गठबंधन को याद किया है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सपा से गठबंधन टूटने की मुख्य वजह लखनऊ का गेस्ट हाउस कांड था.
1995 में बनी थी पहली बार बसपा की सरकार
बुकलेट में मायावती ने मुलायम सिंह के कार्यकाल में SC, ST, दलित और पिछड़ों के साथ महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में सपा से 1 जून 1995 में समर्थन वापस ले लिया था और उसके बाद अगली सुबह उन पर गेस्ट हाउस पर हमला हुआ था. इसके बाद मायावती ने सपा विरोधी पार्टियों के साथ मिलकर पहली बार 3 जून 1995 को सरकार बनाई थी.
अखिलेश के PDA से सावधान रहने की जरूरत…
मायावती ने कहा कि अखिलेश ने लोकसभा चुनाव 2024 में दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक को साधने लिए PDA बनाया. साथ ही कांग्रेस के साथ गठबंधन कर आरक्षण और संविधान पर उसे कुछ सफलता मिल गई है लेकिन PDA के लोगों को इससे कुछ नहीं मिलेगा. मायावती ने कहा कि PDA के लोगों को अखिलेश से सावधान रहना चाहिए.
दोबारा क्यों किया गठबंधन ?
बुकलेट में यह भी साफ किया है कि समाजवादी पार्टी से दोबारा बहुजन समाजवादी पार्टी ने 2019 में गठबंधन क्यों किया ? उन्होंने लिखा है कि यूपी में बीजेपी को रोकने के लिए अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी की पिछली गलतियों को भुलाकर फिर से गठबंधन करने का एक और मौका देने की बात कही थी.
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…इसलिए छपवाई बुकलेट
बीएसपी ने हाल ही में 59 पेज की बुकलेट छपवाई है. इसे पार्टी कार्यकर्ताओं में बांटा जा रहा है. इसका मकसद यह है कि पार्टी कार्यकर्ता हाईकमान के रुख और नीति से वाकिफ हो सकें. वह आम लोगों और वोटरों को जागरूक कर सके. पार्टी का फोकस अपने कैडर वोट दलित और पिछड़ों को यह समझाना है कि बाकी पार्टियां उनके वोट लेने के लिए छलावा करती रही हैं. सिर्फ बीएसपी ही ऐसी पार्टी है, जो उनकी सच्ची हितैषी है.
चंद्रशेखर पर भी बोला हमला…
मायावती ने चंद्रशेखर की पार्टी आजाद समाज पार्टी का नाम लिए बगैर कहा कि लोकसभा में जो लोग एक नगीना सीट जीत गए हैं तो उनका क्या. मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा के लोग दलित वोटों को बांटने के साथ बसपा और उसके आंदोलन को कमजोर करने के लिए नए संगठनों को बढ़ावा दे रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने दलितों और बहुजनों को ऐसे तमाम नेताओं से सावधान रहने के लिए कहा कि जो अपने अनुनाईयों को विभाजित करने के लिए आंबेडकर और काशीराम का हवाला देते हैं.