रोहिंग्या मुस्लिमों पर सरकार का रुख साफ है

0

रोहिंग्या शरणार्थियों पर सरकार के रुख को एक नीतिगत मुद्दा बताते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को संकेत दिया कि उनके प्रति रुख में कोई बदलाव नहीं होगा, क्योंकि इस मुद्दे पर पूरी तरह विचार कर लिया गया है। म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा, “हमने इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से हलफनामा दिया है। हलफनामे में जो भी है, वह सरकार का पक्ष है।

read more : गडकरी से बुंदेलखंड के लिए ‘विशेष पैकेज’ की मांग

सरकार का रोहिंग्या शरणार्थियों पर रुख साफ है

सरकार का रोहिंग्या शरणार्थियों पर रुख साफ है कि वे अवैध प्रवासी हैं और उन्हें वापस जाना चाहिए।जेटली ने कहा, “सुरक्षा संबंधी निहितार्थ क्या हैं, भारत की इस पर विदेश नीति क्या है, हमारे मानवतावादी विचार क्या हैं? हम भी बांग्लादेश की सहायता कर रहे हैं.. हमने अनाज भेजा है और दूसरी मानवीय सहायता सामग्री भेजी है।

यह एक नीतिगत मुद्दा है

उन्होंने कहा, “इसके बाद भी राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ता है और जनसांख्यिकी संतुलन पर क्या प्रभाव पड़ता है..फैसला लेते समय सभी कारकों पर विचार किया गया है।उन्होंने कहा, “यह एक नीतिगत मुद्दा है और हमने सर्वोच्च न्यायालय में अपने हलफनामे में अपने विचार प्रस्तुत किए हैं।

देश के व्यापक हित में एक नीतिगत फैसला है

केंद्र ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से रोहिंग्या मुद्दे पर हस्तक्षेप नहीं करने का आग्रह किया, क्योंकि उन्हें निर्वासित किए जाने का कदम देश के व्यापक हित में एक नीतिगत फैसला है और उनमें से कुछ पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई और आतंकवादियों से जुड़े हुए हैं।

शीर्ष अदालत से कहा कि रोहिंग्या मामला न्यायसंगत नहीं है

सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा कि रोहिंग्या मामला न्यायसंगत नहीं है और कानून में उनके निर्वासन के लिए निर्धारित उचित प्रक्रिया मौजूद है। इसे केंद्र सरकार के ऊपर छोड़ा जाना चाहिए, ताकि देश के व्यापक हित में वह अपने नीतिगत फैसले के जरिए जरूरी शासनात्मक कार्य को अंजाम दे।

कट्टरवादी समूहों की संदिग्ध भयावह डिजाइनों में शामिल हैं

केंद्र ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर व न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ से कहा कि बहुत से रोहिंग्या आईएसआई/आईएसआईएस व दूसरे कट्टरवादी समूहों की संदिग्ध भयावह डिजाइनों में शामिल हैं, जो भारत के संवेदनशील इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा के जरिए अपने गलत उद्देश्यों को हासिल करना चाहते हैं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More