प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान व राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सोमवार को वाराणसी के आराजीलाइन ब्लॉक के महगांव गांव में टीबी मुक्त पंचायत अभियान के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाया गया.शिविर स्वास्थ्य विभाग व पीरामल फ़ाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में लगाया गया था.
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वाराणसी के सभी आठों ब्लॉक में टीबी मुक्त पंचायत अभियान का कार्य निरंतर संचालित किया जा रहा है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आराजीलाइन के अधीक्षक डा. नवीन सिंह के नेतृत्व में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में टीम ने 53 लोगों की जांच की, जिसमें 6 व्यक्तियों में संभावित टीबी के लक्षण पाये गए. इन सभी व्यक्तियों को स्क्रीनिंग व जांच के लिए रेफर किया गया.
खांसने, छींकने और थूकने से फैलते हैं जीवाणु
इस दौरान पिरामल फाउंडेशन के अरविंद गुप्ता ने कहा कि टीबी के जीवाणु रोगी के खांसने, छींकने और थूकने से हवा में फैल जाते हैं और सांस लेने से स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़े में पहुंच कर रोग उत्पन्न करते हैं. इसलिए इस अभियान में टीबी के लक्षण युक्त (संभावित रोगियों) सभी व्यक्तियों को जांच अवश्य करानी चाहिए. उन्होंने सभी सहयोगी संस्थाओं से अपील की है कि समस्त ग्राम पंचायतों पर स्क्रीनिंग, जांच, निदान व सम्पूर्ण उपचार पर पूरा जोर दें. इसके साथ ही समस्त आशा व आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों समन्वय स्थापित कर समुदाय में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है.
टीबी की रोकथाम के लिए किया गया जागरूक
ग्राम प्रधान अमरनाथ के नेतृत्व में ग्राम पंचायत पर टीबी की जांच की गई. ग्राम प्रधान के साथ मिलकर पंचायत स्तर पर समुदाय को टीबी के लक्षण, स्क्रीनिंग, जांच, निदान, उपचार, पोषण व भावनात्मक सहयोग आदि के बारे में जागरूक किया गया. इस मौके पर पीरामल फाउंडेशन टीम से सोनाली चौधरी, ललिता वर्मा, अनामिका सिंह, ममता आर्गेनाइजेशन सहित अन्य लोग रहे.
इन बातों का रखें ध्यान
– दो हफ्ते या उससे अधिक खांसी, खांसी के साथ बलगम आना, रात में पसीना आना, भूख न लगना और वजन में लगातार गिरावट आदि लक्षण हैं तो टीबी हो सकती है. ऐसे लक्षण नजर आने पर तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर सम्पर्क करें.
– टीबी की समस्त आधुनिक जांच एवं सम्पूर्ण उपचार समस्त सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध है.
– अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नम्बर 1800-11-6666 पर संपर्क कर सकते हैं और टीबी आरोग्य सेतु एप को भी डाउनलोड कर सकते हैं।