लोगों को समाज का मन समझने में समय लगता है : अक्षय कुमार
सामाजिक संदेश देने वाली फिल्मों के लिए प्रसिद्ध अक्षय कुमार का मानना है कि लोगों को सामाजिक समस्याओं और समाज की मनोदशा को समझने में समय लगता है। ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’ की सफलता के उपलक्ष्य में यहां एक प्रेस सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें अक्षय लंदन से स्काइप के जरिए शामिल हुए।
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इससे पहले भी सामाजिक मुद्दा उठा चुके हैं अक्षय कुमार
उन्होंने कहा, “सामाजिक मुद्दे पर आधारित यह मेरी पहली फिल्म नहीं है, इससे पहले मैंने ‘खट्टा मीठा’ की थी, जो बॉक्स ऑफिस पर खास कमाल नहीं कर पाई थी।अक्षय ने कहा, “वह सड़क निर्माण और उसके आसपास की समस्याओं पर आधारित थी, लेकिन मुझे लगता है कि लोगों को इस तरह के मुद्दे को समझने और उस मनोदशा में आने में समय लगा है।
आगे भी वह सामाजिक मुद्दे पर फिल्मे बनाते रहेगे और लोगो को जागरूक करते रहेगे , वैसे टॉयलेट लोगो को खूब पंसद आ रही है ।
अक्षय को ‘टॉयलेट’ प्रेम कहानी ज्यादा लगती हैं
अक्षय बोले, “मैंने अत्यधिक वाणिज्यक सामाग्री के साथ सामाजिक मुद्दे पर आधारित कोई भी फिल्म नहीं की। मैंने यह ध्यान रखा कि यह एक प्रेम कहानी हो। ईमानदारी से कहूं तो मुझे इस (टॉयलेट : एक प्रेम कथा) फिल्म की बाकी चीजों से ज्यादा प्रेम कहानी ही याद है।
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अगले मनोज कुमार हैं अक्षय
अक्षय को अब ‘भारत’ कहा जाने लगा है, जो 1970 में दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार के लिए प्रसिद्ध था।
इसके बारे में जिक्र करने पर अक्षय ने कहा, “मुझे लगता है कि वह बहुत महान इंसान हैं और उनके द्वारा बनाई गई फिल्मों की इनसे तुलना नहीं की जा सकती।
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