कौन थीं ‘बख्शी दीदी’ जिनका कांग्रेस विरोधी लहर भी कुछ न बिगाड़ सकी
वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता स्वरूप कुमारी बख्शी अब इस दुनिया में नहीं रहीं। 22 जून 2019 को वह अपने जीवन के 100 साल पूरे करती लेकिन इससे पहले ही सबकी प्यारी बख्शी दीदी दुनिया को अलविदा कह गई।
बख्शी दीदी लखनऊ पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में इस कदल लोकप्रिय थीं कि 1977 में इमरजेंसी के बाद कांग्रेस विरोधी लहर भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाई थी।
उन्होंने तब भी जीत हासिल की थी। वह 1974 से 1985 के बीच चार बार विधायक रहीं और उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री भी बनीं।
बख्शी दीदी का सफरनामा-
साल 1940 में जब वह केवल 21 वर्ष की थीं, महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू से प्रभावित होकर, स्वतंत्रता आंदोलन में कूदी थीं। आजाद के बाद बख्शी दीदी कांग्रेस से जुड़ी रहीं।
उन्होंने साल 74, 77, 80, 85 में हुए विधानसभ चुनावों में विजेता होने का गौरव प्राप्त किया था। बख्शी दीदी लखनऊ पूर्व विधानसभा क्षेत्र की विधायक रहीं। वे प्रदेश की गृहमंत्री भी रहीं।
स्वरूप कुमारी बख्शी प्रख्यात राजनेता होने के साथ-साथ एक मशहूर साहित्यकार भी थीं। उनकी अनेक किताबें प्रकाशित हुईं जिन्होंने उनको एक अलग पहचान दी थी। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा के लिए बहुत काम किया था।
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