टीम इंडिया का मिस्टर भरोसेमंद ‘सुरेश रैना’; इनके जैसा कोई नहीं !
महेंद्र सिंह धोनी के साथ-साथ भारतीय क्रिकेट टीम के मिस्टर भरोसेमंद सुरेश रैना ने भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। सुरेश रैना, टीम इंडिया का वो खब्बू बल्लेबाज, जो अपने घुटने को क्रीज पर टिकाकर, बल्ले का पूरा भार गेंद के पीछे ले जाकर एक खास शॉट बनाता, जिससे गेंद सीमा रेखा के पार ही गिरती।
सुरेश रैना ने वन-डे में डेब्यू साल 2005 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में किया। 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 में पदार्पण का मौका मिला। 2010 में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू हुआ।
क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में शतक-
सुरेश रैना टीम इंडिया के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट, वन-डे, टी-20 और टेस्ट में शतक लगाया है। बाद में इस लिस्ट में रोहित शर्मा का नाम जुड़ा।
2010 के बाद से रैना ने लगातार शानदार प्रदर्शन किया, खूब रन बनाए और टीम को जीत दिलाई। उनके इस कौशल के कारण फैंस ने उनको मिस्टर भरोसेमंद कहना शुरू कर दिया।
रैना ने 18 टेस्ट मैच में 26.48 के औसत से 768 रन बनाए हैं, वहीं 226 वन-डे मैचों में 35.41 की औसत से 5615 रन बनाए। वहीं बात करें टी-20 की तो उन्होंने 78 मैचों में 1605 रन बनाए हैं।
भारतीय टी-20 ब्रिगेड का सबसे युवा कप्तान-
आईपीएल में सबसे पहले 3000 रन पूरा करने का रिकॉर्ड रैना के नाम ही दर्ज है। रैना इकलौते ऐसे भारतीय बल्लेबाज हैं, जिन्होंने टी-20 और वन-डे वर्ल्ड कप में सेंचुरी ठोकी है।
सुरेश रैना ने सबसे कम उम्र में टी-20 में टीम इंडिया की अगुवाई की, जिंबाब्वे के खिलाफ उन्होंने टीम की कमान संभाली। तब उनकी उम्र 23 साल 197 दिन थी।
रैना ने टीम इंडिया को अनगिनत मुकाबले जिताए, मैदान पर अपनी फुर्ती से रन आउट कर मैच पलटने का दम रैना के भीतर कूटकर भरा था। आईपीएल में वह चेन्नई सुपर किंग्स के पॉपुलर चेहरों में से एक हैं।
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