सर्वोच्च न्यायालय का आदेश, हजारों परिवारों को किया बेघर

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राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों ने मध्य प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने से नर्मदा घाटी के डूब क्षेत्र में आने वाले गांव के 40 हजार परिवारों को बिना पुनर्वास किए पुलिस बल के माध्यम से हटाने की तैयारी कर रही है। उनका कहना है कि ऐसा करना सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का खुला उल्लंघन है।

जनांदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के राष्ट्रीय संयोजक पूर्व विधायक डा. सुनील ने शुक्रवार को यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, “सरकार को अब तक यह पता नहीं है कि सरदार सरोवर के जलस्तर की उंचाई बढ़ाने से कुल कितने परिवार विस्थापित होंगे।

अलग-अलग अधिकारियों द्वारा अलग अलग आंकड़े जारी किए जा रहे हैं। एक हजार से अधिक महिला काश्तकारों को अभी तक सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार राशि नहीं दी गई है। यहां तक कि मुख्यमंत्री ने जो घोषणा की थी, उस पर अब तक अमल नहीं किया गया है।”

उन्होंने कहा कि, “नर्मदा की डूब से केवल 21 गांव में 168 मंदिर डूब रहे हैं, जिसमें से 126 मंदिर 500 से अधिक वर्ष पुराने हैं। सरकार को 88 पुर्नवास स्थल बनाने थे, मगर सिर्फ 78 पुनर्वास स्थल तैयार किए हैं। मगर, इनमें से एक भी पुनर्वास स्थल विस्थापितों के रहने लायक नहीं है।वहां किसी तरह की सुविधा नहीं है। इस कार्य में हुए बड़े भ्रष्टाचार पर आईआईटी मुंबई व मैनिट भोपाल ने रिपोर्ट जारी की है। ”

सरदार सरोवर बांध का जल स्तर बढ़ाए जाने से मध्य प्रदेश के 193 गांव और एक शहर धरमपुरी डूब क्षेत्र में आने वाला है। यहां रह रहे लगभग ढाई लाख लोग इससे प्रभावित होंगे। इनमें से अधिकांश अनुसूचित जनजातीय वर्ग से आते हैं।

गांधी भवन न्यास के सचिव दयाराम नामदेव ने कहा कि नर्मदा घाटी के डूब क्षेत्र में शुंगलू कमेटी ने 6486 परिवार ऐसे पाए थे, जिनकी गिनती ही नहीं हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि 15946 परिवारों के नाम केवल इसलिए हटा दिए गए ताकि प्रभावितों की संख्या और कार्य कम हो और बैलेंस ‘जीरो’ बनाया जाए।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव बादल सरोज ने कहा कि सरकार मनमर्जी से अवैज्ञानिक रूप से गांवों को डूब के बाहर और अन्दर करती रही है। केवल धरमपुरी में 1387 परिवार विस्थापित होने की बात शासन की सूची में आयी, 1387 घरों को मुआवजा भी दिया फिर कभी कहा गया कि कोई नहीं डूबेगा, तो कभी 88 परिवारों को डूब क्षेत्र में बताया गया।

अब सरदार सरोवर बांध की 17 मीटर ऊंचाई बढ़ने के बाद कहा जा रहा है कि 2385 परिवार डूब क्षेत्र में आएंगे।

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के शैलेन्द्र कुमार शैली ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जो घोषणाएं की थी, उनका अब तक पालन नहीं किया गया।

प्रतिनिधियों ने बताया कि विभिन्न जनांदोलनों के 200 से अधिक सामाजिक कार्यकर्ता पांच जून की सुबह रैली फार द वैली के लिए इंदौर पहुंचेंगे। रैली पांच जून को खलघाट, धरमपुरी, सेमलदा (मनावर) व छोटा बडदा (बडवानी) होते हुए पिपड़ी (बडवानी) पहुंचेगी। छह जून को बडवानी, निसरपुर, कोटेश्वर में नदी किनारे कार्यक्रम होगा। सात जून को सभी साथी महाराष्ट्र व गुजरात का दौरा करेंगे।

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