SC ने आम जनता को दी आधार से जुड़ी ये राहत…
आधार को विभिन्न सेवाओं से जोड़ने पर सर्वोच्च अदालत ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बायोमेट्रिक योजना और उससे संबंधित कानून की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला आने तक समयसीमा बढ़ा दी है। इससे पहले 31 मार्च की समयसीमा तय की गई थी।
आधार को बैंक खाते, फोन नंबर व अन्य सेवाओं से जोड़ना अनिवार्य
याचिकाओं में आधार को बैंक खाते, फोन नंबर व अन्य सेवाओं से अनिवार्य रूप से जोड़ने का विरोध किया था। उनका तर्क है कि 12 नंबर के आधार कार्ड से जुड़ने पर व्यक्तिगत निजता का हनन हो सकता है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सात मार्च को ही इसके संकेत देते हुए कहा था कि आधार कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 31 मार्च तक फैसला करना संभव नहीं है।
Also Read : ‘आप’ विधायकों की याचिका सुनवाई योग्य नहीं
पीठ ने कहा था कि चूंकि इस मामले का असर बैंक और स्टाक एक्सचेंज जैसी वित्तीय संस्थाओं पर भी पड़ेगा और अगर अंतिम क्षणों में समय सीमा बढ़ाई गई तो इसके अमल में कई मुश्किलें आएंगी। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 15 दिसंबर को विभिन्न सेवाओं और कल्याणकारी योजनाओं को आधार से जोड़ने की अनिवार्यता की समय सीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी थी।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की खामियां
कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के एस पुत्तास्वामी ने 22 फरवरी को न्यायालय से कहा था कि आधार पर आधारित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की खामियों के कारण भुखमरी की वजह से अनेक मौत होने की खबर है और न्यायालय को ऐसे परिवारों को मुआवजा देने के बारे में विचार करना चाहिए।
(साभार- हिन्दुस्तान)
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)