कमलनाथ को अनाथ करने में जुटे समर्थक, जाफर ने भी छोड़ा साथ

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MP: देश में लोकसभा चुनाव ( LOKSABHA CHUNAV ) की डुगडुगी बज चुकी है. लेकिन मध्य प्रदेश ( MADHYA PRADESH ) में अभी भी पाला बदलने का सिलसिला जारी है. सबसे अहम् बात यह है कि मध्य प्रदेश में खासकर छिंदवाड़ा  ( CHHINDWADA ) में इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे के खास समर्थक अब कमल को अनाथ करने में लग गए हैं. चुनाव एलान से पहले ही कई समरहाकों ने कमल का दामन थाम लिया है तो कई अभी भी साथ देने को तैयार नहीं हैं.

कमलनाथ के कट्टर समर्थक ने छोड़ा साथ-

बता दें कि अब मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में कमलनाथ के सबसे भरोसेमंद और कट्टर समर्थक सैयद जाफर ने भी अब पाला बदल लिया है. सैयद जाफर को भोपाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई. कहा जा रहा है कि सैयद जाफ़र का जाना कमलनाथ का अपंग होना है.

चुनाव से पहले कमलनाथ को बड़ा झटका

गौरतलब है कि सैयद जाफ़र मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से ही आते हैं और इनकी गिनती कमलनाथ के वफादारों में होती है. जाफ़र हमेशा कमलनाथ के साथ मुस्तैदी से तैनात रहते थे. इतना ही नहीं जब भी कुछ कमलनाथ को लेकर चर्चा होती थी तो जाफ़र उसपर बयान भी देते थे. जाफ़र की बीजेपी की सदस्यता ग्रहण के बाद कमलनाथ के लिए एक बड़ा झटका माना गया है.

इन नेताओं ने थामा BJP का दामन-

आज मध्य प्रदेश कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका लगा है कि प्रदेश में पार्टी के लिए काम करने वाले दर्जनों नेताओं ने आज बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. इसमें जिला पंचायत सदस्य, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष, युवक कांग्रेस अध्यक्ष,कांग्रेस महामंत्री डॉ. मनीषा दुबे, बसपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. रामसखा वर्मा, रतलाम जिला पंचायत सदस्य, संतोष पालीवाल, श्री अभयराज सिंह, अंकित पोरवाल, जिला महामंत्री, मप्र आईटी सेल महामंत्री, एनएसयूआई जिला प्रभारी, किसान कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष आदि पदाधिकारी शामिल हैं.

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भारत का मुस्लिम, आजादी के बाद से सुरक्षित

जाफर ने पोस्ट में आगे लिखा कि हकीकत तो यह है कि इस CAA कानून से भारतीय मुस्लिम का कोई नुकसान नहीं होने वाला है. भारत के मुस्लिम लीग के हिसाब से क्या पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में मुसलमान प्रताड़ित हैं ? और अगर प्रताड़ित हैं, तो भारत के मुस्लिम लीग को इस पर यह विचार करना चाहिए कि क्यों मुस्लिम मुल्क के नाम पर बने देशों में ही मुस्लिम प्रताड़ित हैं. अगर, मुसलमान मुस्लिम देशों में प्रताड़ित है तो फिर सवाल वहां की मुस्लिम सरकारों पर उठाना चाहिए ना कि हिंदुस्तान की सरकार से ?

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