मुहिम ‘बाल विवाह’ के खिलाफ

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भारत 21वीं सदी में पहुंच गया है लेकिन देश में अभी भी कुछ कुप्रथाएं समाज में फैली हुई हैं। हमारे समाज में फैली इन कुप्रथाओं में एक है बाल विवाह जो आज भी देश के कुछ राज्यों में अपनी जड़ें जमाए हुए है। तमाम कोशिशों के बावजूद बाल विवाह पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग पाया है।

राजस्थान में जिस तरह से बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं वो चौंकाने वाले हैं। क्योंकि सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी बच्चों को इस दलदल में धकेला जा रहा है। बाल विवाह का न रुकना इस बात की तरफ इशारा करता है कि कहीं न कहीं शिक्षा की पहुंच न होने से भी इस प्रथा को समाज छोड़ने को तैयार नहीं हो रहा है।

आंकड़े के अनुसार

राजस्थान में बाल विवाह का औसत राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है। यहां बाल विवाह की दर 65% है। बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर और बाड़मेर जैसे राजस्थान के रेगिस्तानी जिलों में बाल विवाह जीवन शैली का हिस्सा रहा है। हालांकि सरकार और कुछ गैरसरकारी संस्थाओं की मदद से इस परिदृश्य में सुधार आया है।

जैसलमेर और बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ ब्लॉक में लोगों ने ये प्रण लिया है कि वे अब 18 साल से पहले किसी बेटी की शादी नहीं करेंगे।इस इलाके में आखिरी बाल विवाह 2014 में हुआ था। शायद यही वजह है कि अब स्कूलों और कॉलेजों में लड़कियों की तादाद बढ़ रही है।

सुमन की पहल से जागरुकता बढ़ रही

इन्ही सब के बीच सुमन नाम की इस लड़की ने शिक्षा के साथ-साथ बाल विवाह के खिलाफ मुहिम चला रखी है। बाल विवाह को रोकने के लिए सुमन ने रेनू का साथ लिया था। रेनू अभी बीए कर रही है। गांव-गांव में ‘एकता’ और ‘जागृति’ जैसे नाम के ग्रुप बना दिए गए हैं। सभी ग्रुप की लड़कियां महीने में एक बार में मिलकर मीटिंग करती हैं और आगे की योजना बनाती हैं।

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इस मीटिंग में हेल्थ, खानपान, शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करती हैं। और अगर कहीं से भी बाल विवाह की खबर मिलती है, तो ये लड़कियां उसके घर विरोध प्रदर्शन करने पहुंच जाती हैं।सुमन ने बताया, कि काम के साथ हर दिन मोटिवेशन लेवल बढ़ जाता है। सुमन ने अकेले कम से कम 22 लड़कियों का स्कूल में फिर से एडमिशन करवाया है।

गांव की पंचायत ने आसपास के इलाकों में लोगों के बीच जागरुकता फैलाने के लिए एक गाड़ी की व्यवस्था की है जिस पर बोर्ड और बैनर के माध्यम से बाल विवाह को खत्म करने का आह्वान किया जाता है। इस वैन में कठपुतली, गायक और कई कलाकार रहते हैं, जो लोगों को मनोरंजन करने के साथ ही इन तमाम मुद्दों के बारे में समझाते हैं।

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