कैब नही चलता फिरता लंगर है भाई साहब, मिलता है चिप्स, लेमन सोडा…
ऐसी कैब आपने शायद ही कभी देखी हो… हमने भी नहीं देखी थी। बाहर से एकदम नॉर्मल वैगन आर, बैठते ही ड्राइवर ने मिनरल वॉटर की ठंडी बोतल दी। चौंकने की शुरुआत यहीं से हो जाती है, अगला झटका तब लगता है जब ड्राइवर पूछता है चाय या कॉफी लेंगे या फिर चिप्स, लेमन सोडा या कुकीज, आप जो चाहें ले सकते हैं, कोई पैसा नहीं देना होगा इस सबका। हैरान हो गए न आप भी, सीट के आगे पूरा मेन्यू लगा है कैब में लंगर का। गोल्डी सिंह की बात ही कुछ ऐसी है।
टिप्स से लेकर स्ट्रीट फूड के रिव्यू तक शामिल हैं
पंजाबी बाग के रहने वाले संत सिंह को सब प्यार से गोल्डी सिंह कहते हैं। सीट के आगे एक और वैधानिक चेतावनी लगी है, ‘देख भाई, गाने बजेंगे पंजाबी, स्पीड रहेगी फिफ्टी, प्लीज डोन्ट माइंड, फील कूल ऐंड बी हैपी।’ गोल्डी सिंह से हमने बात की तो पता चला कि वह अपना यू-ट्यूब चैनल भी चलाते हैं और उनके अब 15 हजार सब्सक्राइबर्स हो चुके हैं, इसमें कैब ड्राइवरों के लिए टिप्स से लेकर स्ट्रीट फूड के रिव्यू तक शामिल हैं।
मैं सात लोगों की फैमिली में अकेले कमाना वाला हूं
आखिर कोई कैब चलाने वाला इतना कुछ फ्री क्यों ऑफर करेगा? ऐसा नहीं है कि गोल्डी अमीर परिवार से वास्ता रखते हैं। उन्होंने बताया, ‘मैं सात लोगों की फैमिली में अकेले कमाना वाला हूं।’ तो यह सब क्यों? सिख धर्म की दसवंद की सीख का वह पालन करते हैं, यानी अपनी कमाई का 10वां हिस्सा लोगों की सेवा के लिए।
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उसी हिस्से से गाड़ी की आगे की सीट पर छोटा चिलर है, गाड़ी की डिक्की पानी, कोल्ड ड्रिंक, लेमन सोडा, चिप्स, चाय, कॉफी बनाने के सामान से भरी पड़ी है। तो जब ज्यादा सवारियां होती हैं तो क्या करते हैं? गोल्डी के मुताबिक लोग खुश होकर अजस्ट कर लेते हैं और कार की छत पर सामान रखने का इंतजाम तो है ही। 4 हजार से ज्यादा राइड्स के बाद भी उनकी रेटिंग 4.9 है। उन्होंने बताया कि वह पहले इंजिनियर थे। एसी (एयर कंडिशनर) की फिटिंग के दौरान छत से गिर गए जिससे पीठ में चोट लग गई। डॉक्टर ने वेट उठाने से मना कर दिया। घर बैठे बीमारियों ने घेरना शुरू कर दिया।
मोटापा बढ़ने लगा, कमाई कम हो गई…
उन्होंने बताया, ‘मोटापा बढ़ने लगा, कमाई कम हो गई…घर के खर्चे बढ़ गए और बच्चे और परिवार चीजों को लेकर तरसने लगे। इसके बाद कैब चलाने का मूड बनाया। किराए पर टैक्सी चलाई। 3-3 दिन घर नहीं आया, जो कमाता उसका अधिकतर हिस्सा किश्त पर चला जाता लेकिन हिम्मत और मां-बाप से मिली सीख को नहीं भूला।
चाहे जेब में महीने के लास्ट में 100 रुपये आते थे लेकिन उसमें से दसवंद (सेवा के लिए रख देता था। आजतक कमाई का दसंवद अपने पर खर्च नहीं किया।’गोल्डी ने बताया कि मां (चरनजीत कौर) से देखा नहीं गया जब वह महीनों घर सिर्फ सोने जाते थे। मां ने अपनी टैक्सी डालने के लिए अपनी बचत से एक लाख रुपये लाकर दिए। इसके बाद गोल्डी ने कुछ पैसे लोन लेकर सेकंड हैंड कैब ली। अब किसी को पैसा देने की टेंशन नहीं थी।
फिर क्या था…अभी तक जो भी कमाई का हिस्सा सेव किया था
पहले से ज्यादा टाइम ड्यूटी की और पैसे कमाने लगे। वह कहते हैं, मकसद सिर्फ परिवार की देखरेख करना क्योंकि 7 लोगों में अकेला मैं ही कमाने वाला हूं। गोल्डी ने बताया कि इसमें पैसे अच्छे खासे बनने लगे। देखते-देखते कमाई बढ़ गई। दसंवद भी ज्यादा निकलने लगा। हालात रोड से ट्रैक पर आते दिख रहे थे। इस दौरान गुरु का लंगर सर्विस शुरू करने के बारे में सोचा। फिर क्या था…अभी तक जो भी कमाई का हिस्सा सेव किया था उससे यह सर्विस शुरू की।
गोल्डी ने बताया, ‘जब भी कोई कस्टमर मेरी कैब में बैठता है, सबसे पहले मैं जैसे घर में मेहमान आते हैं वैसे ही उनसे पानी पूछता हूं, उसके बाद उन्हें बाकी चीजें ऑफर करता हूं। लोगों को मेरा यह काम काफी अलग लगता है।’ उन्होंने कहा कि ऐसी कैब शायद ही दिल्ली में कोई चलाता हो। लोग तारीफ करते हैं और सेल्फी तक क्लिक कराते हैं। इससे सिर्फ मोटिवेशन मिलती है लोगों के लिए कुछ करने को।
खाली टाइम में बनाए हुए मोटिवेशनल विडियो पोस्ट करते हैं
सिंह ने बताया कि लाइफ का मकसद सबको खुश रखने का है। छोटी-सी जिंदगी में अगर बड़े काम नहीं किए तो सब बेकार है। गोल्डी ने बताया कि कैब ड्राइवर के साथ-साथ उन्होंने यूट्यूब पर अपना चैनल भी शुरू किया हुआ है। खाली टाइम में बनाए हुए मोटिवेशनल विडियो पोस्ट करते हैं। गोल्डी ने फैमिली के बाद अपने इस चेंज का क्रेडिट कनाडा में रहनेवाले अपने वर्चुअल दोस्त गौतम मोडकर को भी दिया है। दोनों एक-दूसरे को मोटिवेट करते हैं।साभार
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