फेसबुक को पछाड़ नंबर-1 बनी ये कंपनी
बिजनेस को कभी-कभी जैसे पंख लग जाते हैं इस तरह से फैलने लगता है। कुछ ऐसा ही कैब सेवा देने वाली कंपनी उबर के साथ भी हुआ और देखते ही देखते महज कुछ सालों में कंपनी ने उन आंकड़ों को पार कर लिया जिसको छूना बहुत बड़ी बात है।
दरअसल, 2009-2010 में शुरू हुई यही उबर इस माह सौ करोड़ डॉलर की नई फंडिंग जुटाकर 51 अरब डॉलर की स्टार्टअप बन गई है। यह दुनिया की सबसे मूल्यवान स्टार्टअप हो गई है। यह रफ्तार फेसबुक से भी तेज है। फेसबुक को 50 अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंचने में सात साल का समय लगा था, जबकि उबर पांच साल में ही इसे पार कर चुकी है।
उबर में नई फडिंग माइक्रोसॉफ़्ट और एक भारतीय कंपनी की ओर से आई है। आज 58 देशों के 300 से ज्यादा शहरों में संचालित हो रही उबर नई फडिंग से भारत में आगामी नौ महीनों में 100 करोड़ डॉलर निवेश करेगी। उबर के सीईओ ट्राविस कालनिक कैलिफोर्निया में पले–बढ़े।
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जब वे बच्चे थे तो जासूस बनना चाहते थे। टीनएजर ट्राविस अपनी मां के साथ साथ घर–घर जाकर चाकू बेचते थे। 18 की उम्र में उन्होनें ट्रेनिंग स्कूल खोलकर भी कुछ रूपए कमाने की कोशिश की। 1998 में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से कम्प्युटर इंजीनियरिंग करने गए ट्रेविस ने पढ़ाई बीच में ही छोड़कर अपने दोस्तों के साथ स्काउर नाम से एक स्टार्टअप शुरू की।
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