प्रतिष्ठा पर आई आंच तो छोड़ दी थी नौकरी, आज हैं करोड़ों के मालिक

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हम सब अपनी रोजी-रोटी के लिए नौकरी करते हैं या फिर खुद का बिजनेस करते हैं। इन जगहों पर काम करते हुए कभी-कभी ऐसा भी होता है कि, हमारे सम्मान को किसी बात को लेकर या फिर किसी काम को लेकर ठेस पहुंच जाती है या फिर मालिक के द्वारा कुछ ऐसा कह दिया जाता है जो शायद नहीं होना चाहिए। ऐसे में बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिन्हें ये बाते इतनी बुरी लग जाती है कि वो उस काम को ही छोड़ देते हैं। होना भी चाहिए क्योंकि जहां पर हमारे सम्मान को ठेस पहुंचने लगे या फिर गिरी हुई नजर से देखा जाने लगे तो सिर्फ पैसे के लिए वहां पर काम करना ठीक नहीं होता है। क्योंकि पैसे बढ़कर खुद का सम्मान और प्रतिष्ठा होती है। कुछ ऐसी ही घटना राजीब राय के साथ हुई थी।

बॉस के अपमानित करने पर छोड़ दी थी नौकरी

राजीब राय एक समय एक प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी कर रहे थे तभी किसी बात को लेकर उनके बॉस ने कुछ ऐसा कह दिया जो राजीब राय के दिल में घर कर गई, बस क्या था कि राजीब राय ने नौकरी छोड़ दी। और खुद का बिजनेस करने का फैसला कर लिया, और आज करोड़ो की कंपनी के मालिक हैं।

आईआईटी खड़गपुर से ली मास्टर्स की डिग्री

आईआईटी खड़गपुर से पोस्ट ग्रैजुएशन की डिग्री लेने के बाद उनका प्लेसमेंट एक जानी-मानी कंपनी मे हो गया। लेकिन उसी दिन उनकी बहन की शादी होने की वजह से उनके बहुत से दोस्तों का कंपनी में नौकरी मिल गई लेकिन वो रह गए। लेकिन राजीब राय ने उम्मीद नहीं छोड़ी और उसी कंपनी में अप्लाई किया, नौकरी भी मिल गई लेकिन उनके दोस्तों से उनकी सैलरी कम थी। कंपनी में पोस्ट हार्वेस्टिंग के क्षेत्र में काम करने के बाद उन्होंने 8-9 महीने एक ग्रीन हाउस के एक वेंचर में काम करने पर अपना ध्यान दिया।

इजरायली कंपनी ने सौंपी कमान

साल 1993 में एक इजरायली कंपनी ने राजीब राय की काबिलियत को पहचानकर उन्हें भारत के ग्रीनहाउस के डिस्ट्रीब्यूशन की कमान सौंप दी। बाद में ये कंपनी जिंजर प्लास्टिक प्रोडक्ट लिमिटेड में मर्ज हो गई और राजीब राय को जिजंर प्लास्टिक प्रोडक्ट कंपनी का मार्केटिंग डिवीजन का जायरेक्टर बना दिया गया। इस कंपनी ने उनके नेतृत्व में अनेक सफलताएं हाासिल की।

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खुद की कंपनी खोलने का फैसला

साल 2003 में राजीब राय मुश्किलों से घिर गए और उनके घर पर डीआरआई की रेड पड़ गई। यहीं से राजीब राय ने खुद का बिजनेस करने का फैसला किया और तमिलनाडु में एक गैराज से एग्रीप्लास्ट कंपनी की नींव रखी। राजीब राय की ये कंपनी खेती में प्लास्टिक के इस क्षेत्र में खुद को स्थापित कर लिया।

सालाना टर्नओवर करीब 80 करोड़

इसके साथ ही राजीब राय ने एग्रीप्लास्ट प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन नाम से एक कंपनी खोली, जो सुरक्षित खेती के लिए रामबाण साबित हुई। आज के समय में इनके कंपनी में मात्र 80 से 90 कर्मचारी काम कर रहे हैं और इनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर करीब 80 करोड़ है।

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