कभी बेंचते थे पुराने और टूटे पाइप, लेकिन मेहनत के दम पर बना दिया खरबों का साम्राज्य

0

ओम प्रकाश जिंदल देश के उद्योग जगत का ऐसा नाम है जो देश-विदेश में औद्योगिक क्रांति के लिए प्रेरणा के रूप में जाना जाता है। व्यवसाय के विस्तार में कड़ी मेहनत और शानदार रणनीतियों का सफलतापूर्वक प्रयोग करने वाले ओम प्रकाश जिंदल की जिंदगी मुशिक्लों से भरी हुई थी। उन्होंने खुद के दम इतना बड़ा कारोबार का साम्राज्य खड़ा कर दिया जिसकी कल्पना कर पाना भी मुश्किल था। ओम प्रकाश जिंदल ने अपनी सूझबूझ और मेहनत के दम पर आगे बढ़ते हुए देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी कामयाबी का परचम लहराया।

बता दें कि हरियाणा राज्य की अर्थव्यवस्था में इस औद्योगिक परिवार का भारी योगदान माना जाता है इसलिए आज बाबूजी के नाम से प्रसिद्ध ओमप्रकाश जिंदल का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। मैन ऑफ स्टील के नाम से पहचान रखने वाले इस शख्स ने तकनीकी और इंजीनियरिंग कार्यों में अत्यधिक रूचि रखते थे।

यह तब है जब उन्होंने तकनीकी एवं इंजीनियरिंग की कोई विधिवत शिक्षा नहीं ली थी लेकिन इन विषयों के प्रति गहरे लगाव और गहन अध्ययन ने उन्हें उन्नति के शिखर पर पहुंचा दिया। यही नहीं वह ऐसे व्यक्ति थे जिनका प्रबंधन भी उच्चकोटि का था, जो सर्वप्रथम किसान थे, फिर साधारण व्यापारी, उसके बाद बाल्टी निर्माता और अंत में अंतरराष्ट्रीय ख्याति के उद्योगपति एवं हरियाणा के लोकप्रिय नेता हुए।

इस्पात उद्योग में बुलंदियां हासिल करने के सफर में उन्होंने कटे और बेकार फेंक दिए गए पाइपों का व्यापार शुरू किया। वह इस तरह के पाइप, आसाम के बाजारों से नीलामी में खरीदते थे और उन्हें कलकत्ता में बेचते थे। कोलकाता के पास में लिलुआ नामक स्थान में पाइप बेंड और सॉकेट बनाने की एक फैक्टरी लगाई।

Also read : STF ने इन पेट्रोल पंपों को किया सील, चिप लगाकर करते थे चोरी

यह सबसे पहली औद्योगिक ईकाई थी, जिसे ओम प्रकाश और उनके भाइयों ने 1952 में स्थापित की और इसका नाम जिंदल इंडिया लिमिटेड रखा गया। टाटा और कलिंग के बाद, भारत में अपनी तरह की तीसरी फैक्टरी थी। इस उपलब्धि के चलते ओम प्रकाश जिंदल पश्चिम बंगाल और पूर्वी भारत में लोकप्रिय हो गए।

यहां कुछ सालों तक काम करने के बाद 1960 में अपने पैतृक जिला हिसार आ गए और यहां भी उद्योग लगाया। उन्होंने 34 औद्योगिक इकाइयां स्थापित कीं। इनमें से 30 भारत में, तीन अमेरिका में और एक इंडोनेशिया में स्थित हैं। अब इन इकाइयों का संचालन उनकी पत्नी सावित्री देवी जिंदल और चार पुत्र पृथ्वी राज जिंदल, सज्जन जिंदल, रतन जिंदल और नवीन जिंदल करते हैं।

जिंदल उद्योग समूह का मुख्य व्यवसाय स्टील से संबंधित है, फिर भी उसे चार वर्गों-पाइप्स, कार्बन स्टील, स्टेनलेस स्टील, रेल व ऊर्जा में बांटा जा सकता है। अपने पिता की ही तरह उनके चारों पुत्र कामयाब उद्योगपति माने जाते हैं और अपनी कंपनियों को नई ऊंचाईयों ले जाते हुए देश के औद्योगिक विकास में योगदान दे रहे हैं।

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More