अपनी कॉमेडी से लोगों को गुदगुदाने वाले जॉनी लीवर, कभी सड़कों पर बेंचते थे पेन

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अपनी कॉमेडी से दर्शकों के चेहरे पर खुशी और फिल्मों में नई जान डालने वाले जॉनी लीवर को आप अच्छी तरह से जानते होंगे। इन्होंने अपनी एक्टिंग के दम पर फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग पहचान बनाई है। अबतक जॉनी लीवर 350 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं। सबको अपनी कॉमेडी से गुदगुदाने वाले जॉनी की जिंदगी के बारे में बहुत सी ऐसी बातें हैं जो शायद आप नहीं जानते होंगे। तो चलिए हम आपको कुछ ऐसी बाते बताते हैं जो आप नहीं जानते हैं।

आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में हुआ था जन्म

जॉनी लीवर का जन्म 14 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में एक इसाई परिवार में हुआ था। इनका असली नाम जान राव प्रकाश राव जानुमाला है। इनका परिवार बहुत गरीब था। लेकिन इन्होंने इस गरीबी को अपने हुनर के आगे आने नहीं दिया। जॉानी लीवर न बतौर स्टेज कलाकार मिमिक्री से शुरू किया। ती बहनों और दो भाइयों में सबसे बड़े जॉनी के सामने बहुत सी मुश्किलें थीं। लेकिन इन्होंने मुश्किलों से लड़ते हुए अपने करियर की तरफ बढ़ते रहे। जॉनी लीवर का बचपन मुंबई के धारवी इलाके में बीता।

7वीं के बाद छोड़ दी पढ़ाई

आपको बता दें कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से 7वीं के बाद इन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। पढ़ाई छोड़ने के बाद इन्होंने काम की तलाश में मुंबई चले गए। यहीं पर उन्होंने सड़कों पर पेन बेचने के साथ ही गानों पर डांस करते रहते थे। इनके पिता एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे,कुछ दिन बीत जाने के बाद जॉनी लीवर भी अपने पिता के साथ कंपनी में काम करने लगे।

कंपनी में काम करते हुए मिला ‘जॉनी लीवर’ का नाम

कंपनी में काम करते हुए जॉनी लीवर ने यहां के कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच काफी प्रसिद्ध हो गए। आपको बता दें कि यहीं पर इनको जॉनी लीवर का नाम मिला। आपको बता दें कि उनके इस टैलेंट को धार देने वाले आर्टिस्ट थे प्रताप जैन और राम कुमार। इसी दौरान उनकी मुलाकात मशहूर संगीतकार जोड़ी कल्याणजी-आनंदजी से हुई। बस यहीं से जॉनी लीवर की जिंदगी में टर्निंग प्वाइंट आया और उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। यहीं से उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ दुनिया भर में शो करने का मौका मिला।

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‘दर्द का रिश्ता’ फिल्म से हुई शुरूआत

एक स्टेज शो के दौरान सुनील दत्त की नजर जॉनी लीवर पर पड़ी और उन्होंने एक फिल्म का ऑफर उनके सामने रखा। इस फिल्म का नाम था दर्द का रिश्ता। इसके बाद वो कई छोटे मोटे रोल फिल्मों में करते रहे। इसी दौरान उन्हें एक ऑडियो कैसेट में हास्य कलाकार के तौर पर काम करने का मौका मिला। इस काम के बाद उन्हें एक नई पहचान मिली।

13 बार जीत चुके हैं ‘फिल्म फेयर अवार्ड’

फिल्म जुड़वा की सफलता के बाद उन्हें तमाम फिल्मों से ऑफर मिलने लगे और साल 1993 में आई फिल्म बाजीगर में वो बाबूराव बावर्ची के किरदार में नजर आए। इस किरदार से उन्हें एक नई पहचान मिली और दर्शकों को खूब हंसाया।आपको बता दें कि जॉनी लीवर अबतक 13 बार फिल्म फेयर अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं।

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