वाराणसी में बढ़ेंगे उपकेंद्र, बिजली आपूर्ति होगी और भी बेहतर
बिजली आपूर्ति के लिए ट्रांसमिशन उपकेंद्रों की क्षमता बढ़ाई जाएगी. इसके लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड से अनुमति मिल गई है. इसमें लगभग 65 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इ
शहर में बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए ट्रांसमिशन उपकेंद्रों की क्षमता बढ़ाई जाएगी. इसके लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड से अनुमति मिल गई है. इसमें लगभग 65 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस बढ़े ट्रांसमिशन के चलते चारों सब स्टेशनों की क्षमता लगभग 788 मेगावॉट बढ़ जाएगी. वैसे वर्तमान क्षमता 1672 मेगावॉट है जो बढ़कर 2460 हो जाएगी. इससे विद्युत आपूर्ति में व्यवधान आने की गुंजाइश कम हो जाएगी.
शहर में मौजूदा ट्रांसफार्मरों की यह है स्थिति
बता दें कि भेलूपुर उपकेंद्र (220 केवी) उपकेंद्र पर 60-60 एमवीए के दो ट्रांसफार्मर लगे हैं. यहां 60 एमवीए का एक और ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा. वर्तमान में इन दोनों ट्रांसफार्मर की क्षमता 120 एमवीए है. तीसरे ट्रांसफार्मर लगने के बाद इसकी क्षमता 180 एमवीए हो जाएगी.
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वहीं, साहूपुरी (220) उपकेंद्र पर 40-40 एमवीए के दो और 20 एमवीए के एक ट्रांसफार्मर से सप्लाई की जाती है. अब 20 एमवीए की जगह 63 एमवीए का पावर ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाएगा. इससे इसकी क्षमता बढ़कर 143 एमवीए हो जाएगी.
लगाया जाएगा पावर ट्रांसफार्मर
इसी तरह साहूपुरी (400 केवी) उपकेंद्र पर वर्तमान में 500 एमवीए का ट्रांसफार्मर लगा हुआ है. अब यहां 500 एमवीए का एक और पावर ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाएगा. इससे उपकेंद्र की क्षमता 500 एमवीए से बढ़कर 1000 एमवीए हो जाएगी.
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दूसरी ओर सारनाथ (डुबकिया 400 केवी) उपकेंद्र की क्षमता और मजूबत की जाएगी. यहां एक पावर ट्रांसफार्मर 500 एमवीए और और तीन ट्रांसफार्मर 315-315 एमवीए के लगे हैं. इसमें से 315 एमवीए का एक ट्रांसफार्मर हटाकर 500 एमवीए लगाया जाएगा. इससे यहां दो 500-500 एमवी के और दो 315-315 एमवीए के दो ट्रांसफार्मर से 33 केवी के उपकेंद्रों को बिजली दी जाएगी. वर्तमान में यहां 1445 एमवीए की क्षमता है. इसकी क्षमता 1630 एमवीए हो जाएगी.