बेस्ट हड़ताल से परेशान मुबंईवासी

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देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बेस्ट कर्मचारियों की हड़ताल लगातार पांचवें दिन भी जारी है। शुक्रवार देर शाम तक भी इस मामले का कोई हल नहीं निकल पाया। इसी बीच प्रशासन द्वारा हड़ताली कर्मचारियों को लगातार नोटिस देने और मेस्मा लगाने से नाराज उनके परिजनों ने मोर्चा संभाल लिया।

गुरुवार को वडाला डिपो, तो शुक्रवार को मुलुंड डिपो में महिलाओं द्वारा मोर्चा निकाला गया। खबर लिखे जाने तक कुल 358 कर्मचारियों पर मेस्मा लगाया गया, जबकि 333 को अवमानना का नोटिस दिया गया। इसी बीच, बिजली आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों के भी हड़ताल में शामिल होने की खबरें मिल रही है। इससे दक्षिण मुंबई में बिजली की सप्लाइ प्रभावित हो सकती है।

बेस्ट की हड़ताल को लेकर सरकार ने चिंता जताई है। इस समस्या का हल निकालने के लिए शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव ने सुबह 11 बजे उच्च स्तरीय समिति की बैठक बुलाई है।

बैठक में मुख्य सचिव डीके जैन, परिवहन विभाग और नगर विकास विभाग के सचिव के अलावा बेस्ट यूनियन के प्रतिनिधि, एमएनपी आयुक्त और बेस्ट महाप्रबंधक शामिल होंगे। माना जा रहा है कि उच्च स्तरीय बैठक में निश्चित ही होई हल निकलेगा। दूसरी ओर, नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार को जनता की चिंता है।

फडणवीस ने कहा, ‘घाटे में चल रही बेस्ट को सरकार से आर्थिक मदद लेने की नौबत नहीं आएगी, क्योंकि मुंबई महानगरपालिका खुद सक्षम है, लेकिन बीएमसी की ओर से अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। सरकार निश्चित ही इस मामले में दखल देगी।’ वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने आरोप लगाया कि बीजेपी-शिवसेना की अंदरूनी लड़ाई का खामियाजा मुंबईकरों को उठाना पड़ रहा है। सरकार चाहे तो इस हड़ताल को खत्म करा सकती है। वास्तव में बीजेपी-शिवसेना को जनता की कोई चिंता नहीं है।

हड़ताल के कारण, शुक्रवार को सिर्फ 4 बस ड्राइवर ही काम पर आए, जबकि कोई भी कंडक्टर ड्यूटी पर नहीं आया। इसी बीच परिवहन विभाग की ओर से बताया गया कि शुक्रवार को दिनभर में लगभग 1 हजार बसें निजी ऑपरेटरों द्वारा चलाई गईं। इनमें स्कूली बसें भी शामिल थीं। यूनियन के अध्यक्ष शशांक राव ने स्पष्ट किया कि बेस्ट को बीएमसी बजट में शामिल करने का प्रस्ताव मुख्य मुद्दा है, इस पर जब तक लिखित में जवाब नहीं मिलेगा, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी भी राजनीतिक पार्टी के पास नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री यदि समाधान निकालते हैं, तो उनका स्वागत है।

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