मेहनत के दम पर लिखी सफलता की इबारत

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किसी भी काम को अगर आप सच्ची निष्ठा और ईमानदारी से कर रहे हैं तो वो दिन आने में देर नहीं लगती है जब आप सफलता की बुलंदियों पर होंगे। बस लगन और मेहनत के साथ आप काम करते जाइये, उसका परिणाम सबको चौकाने वाला होगा। किसी भी काम को करने के लिए उम्र की कोई बंदिश नहीं होती है। क्योंकि कहते हैं ‘जब जागो तभी सवेरा’।

कभी-कभी सफलता मिलने में देरी जरुर हो जाती है लेकिन अगर आप के हौसले में उमंग और उड़ान में जान है तो आपकी सफलता की इबारत एकदिन जरुर लिखी जाएगी। कुछ ऐसी कहानी है भारतीय स्टेट बैंक  की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य की।

सालों सें भारतीय स्टेट बैंक में चेयरपर्सन के पद पर काम कर रही अरुंधति भट्टाचार्य को ‘फॉर्च्यून मैगजीन’ की टॉप लीडर्स लिस्‍ट में भी शामिल किया गया है। भारतीय स्टेट बैंक के इतिहास में अरुंधति भट्टाचार्य सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं।

1977 से उन्होंने बतौर प्रोबेशनरी ऑफिसर के तौर पर भारतीय स्टेट बैंक ज्वॉइन किया था। तब से लेकर आज तक उन्होंने अपने काम से लोगों के दिलों पर राज करती आ रही है। अरुंधति ने अपने बैंक के करियर को काफी चुनौती भरा बताया है, उन्होंने बताया इतने सालों में काम, सहकर्मी के साथ काफी शहर भी बदले।

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अरुंधति का कहना है कि हर एक जॉब में कुछ न कुछ सीखने को जरूर मिलता है। उन्होंने बताया उन्हें काम को लेकर रिलैक्स करने का मौका कभी नही मिला, इसलिए उनके लिए काम ही रिलैक्सेशन था। अरुंधति का सक्सेस मंत्रा ये भी कि जिस काम में आपका मन है वही काम चुनें और उस काम को लेकर मेहनत करें। और जब आप उस काम को करेंगे तो सफलता  मिलने में देर नहीं लगेगी।

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