एक ऐसा चोर जो बना है 700 लोगों का मसीहा

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आपने रॉबिनहुड के बारे में तो सुना ही होगा, ऐक ऐसा चोर था जो अमीरों को लूटकर गरीबों में बांटता था। कुछ ऐसी ही कहानी है हमारे आज के इस नायक की जो कभी चोरी करता था लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि उसने चोरी करना छोड़ दिया और लोगों की मदद करने लगा। गरीब बच्चे जो भूखें रहते हैं उनका पेट भरने के लिए ये शख्स हमेशा तैयार रहता है।

बेसहारा लोगों की करते हैं मदद

इतना ही नहीं ये शख्स उन गरीबों को स्वास्थ संबंधी सेवाएं जैसे बीमार होने पर मेडिकल से संबंधित सुविधाएं भी मुहैया कराते हैं। राजा बेंगलुरू की सड़कों पर कूड़े कचरे के ढेर में करीब दो साल तक सोते रहे उसके बाद राजा चेन्नई पहुंच गए और वहां भी ययही सिलसिला चलता रहा। धीरे-धीरे राजा चोरी करने लगे और एक बार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद इन्हें जेल भी जाना पड़ा जहां इनको एहसास हुआ कि इस तरह से जीने का कोई मतलब नहीं है।

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राजा ने शुरू की एक नई जिंदगी की शुरुआत

राजा ने फैसला किया कि कुछ ऐसा करेंगे जिससे लोगों का भला हो सके। बस इसी सोच के साथ जब जेल से बाहर आए तो अपने परिवार से एक मौका मांगा कि वो एक नई जिंदगी की शुरूआत करना चाहते हैं। उन्होंने शुरू में ऑटोरिक्शा और टैक्सी चलाना शुरू किया। उसके बाद ऑटोरिक्शा यूनियन में बॉडीगार्ड के तौर पर भी काम किया।

साल 1997 में शुरू की संस्था

राजा ने साल 1997 में गरीबों का मदद करने के लिए एक संगठन बनाया जिसका नाम उन्होंने न्यू आर्क मिशन ऑफ इंडिया रखा। इस संस्था के जरिए उन्होंने सड़कों की फुटपाथ से बेसहारा लोगों को उठा कर अपने घर ले आए। उसका पूरा इलाज करवाया और नए कपड़े दिए। बस यहीं से राजा की एक नई जिंदगी ने जन्म ले लिया।

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शुरूआत में होती थी समस्या

शुरूआती दौर में राजा को छोड़ी दिक्कतें भी हुई जब वो भिखारियों और बेसहारा लोगों को उठाने जाते थे तो वो जल्दी इनके साथ ने को तैयार नहीं होते थे। लेकिन धीरे-धीरे लोगों को जब पता चला कि ये उनकी मदद के लिए आते हैं तो लोग खुशी से इनके साथ आने को तैयार हो जाते थे।

राजा बताते हैं कि बहुत से लोग भिखारी मजबूरी में बन जाते हैं क्योंकि उनके घर वाले उन्हें घर से निकाल देते हैं ऐसे में पेट की भूख मिटाने के लिए उन्हें लोगों के सामने हाथ फैलाने पर मजबूर होना पड़ता है।

7 सौ लोगों के बने हैं पालनहार

राजा आज के समय में करीब 700 लोगों को मदद दे रहे हैं। इन 700 लोगों को तीन टाइम का खाना देने के साथ ही मेडिकल से संबंधित सभी सुविधाएं मुहैया कराते हैं। राजा बताते हैं कि ये सब काम लोगों से मिले चंदे और थोड़ी बहुत सरकारी मदद से चल रहा है। राजा महीने में करीब 50 हजार रुपए का पानी खरीदकर लोगों को पिलाते हैं। राजा का सपना है कि एकदिन ऐसा भी आयेगा जब कोई बेसहारा सड़क पर अपनी रात गुजारने को मजबूर नहीं होंगे। उन्हें राजा आसरा देगा।

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