जीएसटी देगा तोहफा, ये चीजें होंगी सस्ती

0

बुधवार से अपने ग्रॉसरी बिल को ज्यादा ध्यान से देखना शुरू करें। मैक्सिमम रिटेल प्राइस पर बेचे जाने वाले चॉकलेट, टूथपेस्ट, शैंपू, वॉशिंग पाउडर और शेविंग क्रीम जैसे कई प्रॉडक्ट्स के दाम घट जाएंगे। ऐसा इन्हें जीएसटी (गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स) के सबसे ऊंचे 28% रेट स्लैब से 18% स्लैब में लाने के चलते होगा।
also read : तुगलक ने भी की थी नोटबंदी : यशवंत
ग्रॉसरी बिल ही नहीं बल्कि अपने रेस्तरां के फूड बिल को भी अच्छे से चेक करें, क्योंकि रेस्तरां बिल को भी 12% और 18% के स्लैब से निकालकर 5% के दायरे में रखा गया है। इन सेक्टरों की कंपनियों ने अपने ट्रेड चैनल में यह सूचना देनी शुरू कर दी है कि टैक्स कट का फायदा कंज्यूमर को तुरंत दिया जाए क्योंकि रिवाइज्ड स्टिकर लगाने या नया स्टिकर प्रिंट करने में वक्त लगेगा।
डिस्ट्रीब्यूटर और डीलर का मार्जिन बढ़ाने का फैसला न करे
एक घड़ी कंपनी और एक प्रिंटर मेकर दाम तुरंत घटने की सूचना कंज्यूमर्स को देने के लिए अखबारों में विज्ञापन देने के बारे में सोच रही हैं। मैक्सिमम रिटेल प्राइस में टैक्स वाला हिस्सा भी होता है, लिहाजा अगर कोई कंपनी किसी प्रॉडक्ट का बेस प्राइस या डिस्ट्रीब्यूटर और डीलर का मार्जिन बढ़ाने का फैसला न करे, तो उसका दाम नीचे आना चाहिए।
also read : मुर्गी के साथ बलात्कार के आरोप में एक गिरफ्तार
सरकार ने संशोधित दाम वाले स्टिकर लगाने के बारे में नई गाइडलाइंस अभी जारी नहीं की हैं। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘कई प्रॉडक्ट्स एमआरपी कैटेगरी में हैं, लिहाजा कंपनियों को या तो स्टिकर लगाना होगा या नए दाम प्रिंट करने होंगे।’ जीएसटी काउंसिल ने पिछले शुक्रवार को अपनी 23वीं बैठक में करीब 200 उत्पादों पर टैक्स रेट घटा दिया था और इनमें से 178 को 28% वाले स्लैब से 18% वाले स्लैब में डाल दिया गया था। राज्यों और केंद्र ने इस संबंध में नोटिफिकेशंस जारी करने के साथ नए रेट्स मंगलवार आधी रात से लागू हुए।
अलग-अलग तारीखों पर अधिसूचनाएं जारी की थीं
पीडब्ल्यूसी के इनडायरेक्ट टैक्स पार्टनर प्रतीक जैन ने कहा, ‘अच्छा है कि जीएसटी काउंसिल ने एक खास तारीख यानी 15 नवंबर से बदलाव लागू करने का निर्णय किया क्योंकि पहले के कुछ मामलों में विभिन्न राज्यों ने अलग-अलग तारीखों पर अधिसूचनाएं जारी की थीं। हालांकि समय की तंगी को देखते हुए अधिकतर कंपनियां प्रॉडक्ट्स के एमआरपी तुरंत नहीं घटा पाएंगी, लेकिन उन्होंने डीलरों और रिटेलरों से कहा है कि कीमतें कम की जानी चाहिए।’
also read : लखनऊ की सड़कों से हटेंगी पुरानी पेट्रोल-डीजल की गाड़ियां
उन्होंने कहा कि कस्टमर्स को भी इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि किन प्रॉडक्ट्स के दाम कितने घट सकते हैं, भले ही उस प्रॉडक्ट पर एमआरपी कुछ भी लिखा हो। अमूल डेयरी ब्रांड से प्रॉडक्ट्स बनाने वाले गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन ने अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स को संशोधित दाम पर उत्पाद बेचने को कहा है।
क्योंकि हम नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे थे
कंपनी के एमडी आरएस सोढी ने कहा, ‘हमने कीमत बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन नए एमआरपी वाले प्रॉडक्ट्स कंज्यूमर्स तक पहुंचने में कुछ समय लगेगा।’ डाबर ने कहा कि उसने अभी ट्रेड चैनलों को प्राइस में बदलाव की जानकारी नहीं दी है। डाबर के सीएफओ ललित मलिक ने कहा, ‘अब तक हमने अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स से कुछ नहीं कहा है क्योंकि हम नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे थे।’
(साभार – एनबीटी)
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More