बिहार के स्कूलों में जींस नहीं पहन सकेगा स्टाफ, शिक्षा विभाग का बड़ा आदेश…

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बिहार के आईएएस अधिकारी के.के पाठक जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बने हैं, तभी से व्यवस्था में सुधार को लेकर आदेश जारी किए जा रहे हैं.  इसी क्रम में शिक्षा विभाग ने एक और बड़ा फैसला लिया है. अब कोई भी पदाधिकारी और कर्मचारी, जींस पैंट और टी-शर्ट में ऑफिस ना आ पाएगा. दरअसल, बिहार शिक्षा विभाग ने कार्यालय संस्कृति में सुधार लाने के मद्देनजर अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को जिंस और टी शर्ट पहनकर कार्यालय आने पर रोक लगा दी है. विभाग द्वारा जारी एक आदेश में औपचारिक परिधान पहनकर कार्यालय आने को कहा गया है.

सुबोध कुमार चौधरी ने जारी किया आदेश…

शिक्षा विभाग के निदेशक सुबोध कुमार चौधरी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है. कि अक्सर यह देखा गया है. कि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी ऐसी पोशाक पहनकर कार्यालय आ रहे हैं जो कार्यालय संस्कृति के खिलाफ है. कार्यालय में अधिकारियों या अन्य कर्मचारियों का ‘कैजुअल’ कपड़े पहनना कार्यालय की कामकाज की संस्कृति के विरुद्ध है. इसलिए सभी अधिकारी व कर्मचारी शिक्षा विभाग के कार्यालयों में ‘फॉर्मल’ कपड़े पहनकर ही आएं. शिक्षा विभाग के कार्यालयों में तत्काल प्रभाव से किसी भी ‘कैजुअल’ पोशाक खासकर जींस व टी-शर्ट पहनने की अनुमति नहीं होगी. वही इस सिलसिले में शिक्षा विभाग ने लिखित आदेश जारी किया है।

आदेश 28 जून को किया गया जारी…

बता दे कि शिक्षा विभाग ने 28 जून बुधवार को अधिकारियों एव कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड से संबंधित यह आदेश जारी किया है. जिसकी प्रतिलिपि अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के आप्त सचिव, सचिव के निजी सहायक , विशेष सचिव के निजी सहायक , सभी निदेशक , सयुंक्त सचिव , उप निदेशक (प्रशासन), उप सचिव , विशेष कार्य पदाधिकारी , सभी पदाधिकारी और कर्मचारियों को भेजी गयी है.

जींस पर पहले भी लग चुकी रोक…

आपको बता दे कि इससे पहले सारण जिले के जिला मजिस्ट्रेट ने अप्रैल में सभी सरकारी कर्मचारियों के सरकारी कार्यालयों में जींस व टी-शर्ट पहनने पर रोक लगा दी थी. बिहार सरकार ने 2019 में राज्य सचिवालय में कर्मचारियों के जींस व टी-शर्ट पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसका मकसद ‘‘कार्यालय की मर्यादा’’ बनाए रखना बताया गया है. सरकार ने राज्य सचिवालय के कर्मचारियों को कार्यालय में सादे, सुविधाजनक और हल्के रंग के कपड़े पहनने के लिए कहा है।

बीते दिनो वेतन को लेकर की थी कार्रवाई…

वही इससे पहले बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने ऐसे अध्यापकों एवं कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनका वेतन रोक दिया है. जो आदतन विश्वविद्यालय या कॉलेजों में अनुपस्थित रहते हैं. तथा बीते दिनों औचक निरीक्षण के चलते भी जो अनुपस्थित पाए गए थे. मिल रही खबर के अनुसार, शिक्षा विभाग ने मुजफ्फरपुर के बीआर अंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी के 630 अध्यापकों एवं कर्मचारियों, मधेपुरा के बीएन मंडल विश्वविद्यालय के 190 शिक्षकों कर्मचारियों तथा भोजपुर के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के और कर्मचारियों को ड्यूटी पर उपस्थित नहीं रहने के कारण वेतन रोकने का फैसला लिया है।

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