सड़क पर संग चलती है मौत, संभल कर चलिए !
उत्तर प्रदेश हो या दिल्ली, भारत हो या अमेरिका, अगर आप सड़क पर चल रहे हैं तो जरा संभल के चलिए, क्योंकि जब आप सड़क पर चलते हैं तो मौत भी आपके पीछे चलती है और न जाने कब वो आपसे आगे निकल जाए और आप वहीं रह जाएं। नहीं समझे, तो आइए हम आज आपको बताते हैं कि क्यों है ये मौत की सड़क जिसपर हम आप और ये सारा जहां सरपट दौड़ रहा है।
यूपी की सड़कों पर हादसों के आंकड़े
सबसे पहले बात करते हैं उत्तर प्रदेश की जहां पर सड़क हादसों के आंकड़ें सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। आपको यकीन नहीं होगा कि आपके साथ चल रही इस भीड़ से हर 2 घंटे में एक इंसान कम हो रहा है। पता भी कैसे चले क्योंकि वो कोई आपका जानने वाला नहीं हैं। लेकिन हम आज आपको उन आंकड़ों से रुबरु कराएंगे जिसको जानने के बाद आप इस मौत की सड़क पर निकलने से पहले सौ बार सोचेंगे। दरअसल एक सर्वे के मुताबिक यूपी में पिछले साल यानी की 2016 में सड़क दुर्घटना में 19301 लोगों की मौत हो गई। मतलब हर दिन 53 और हर 2 घंटे में 1 इंसान की मौत हो जाती है। साल 2016 में यूपी की सड़कों पर 35568 सड़क हादसे हुए। हर दूसरे सड़क हादसे में एक इंसान ने अपनी जिंदगी गंवा दी।
अब आपको बताते हैं पूरे देश में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत और उससे संबंधित कुछ आंकड़े-
साल 2016 में करीब 1.5 लाख लोग सड़क हादसे में अपनी जान गंवा चुके हैं। करीब 4 लाख 80 हजार सड़क हादसे पूरे भारत में हुए। वहीं 10 हादसों में औसतन 3 लोगों की जान चली गई। पूरे भारत में हर दिन 1317 एक्सीडेंट हुए हैं जिसमें 413 मौते रोज हुईं। इस तरह से अगर देखें तो हर घंटे पूरे भारत में सड़क हादसों में औसतन 17 लोग अपनी जाम गवां रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन सड़क हादसों के शिकार होने वाले लोगों में सबसे ज्यादा युवा वर्ग है जिनकी उम्र 18-35 साल के बीच है जिनका प्रतिशत 46.3 है। 2016 में देश के करीब 70 हजार युवा सड़क हादसों में मौत के मुंह में समा गया। देश में हर 75 मिनट पर सड़क दुर्घटना में एक युवक की मौत हो रही है।
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पूरी दुनिया में होने वाले सड़क हादसे
WHO ने साल 2015 में सड़क सुरक्षा पर जारी एक वैश्विक रिपोर्ट में बताया कि हर साल सड़क दुर्घटना में करीब 12.5 लाख लोगों की मौत हो रही है।
सड़क हादसे पूरी दुनिया में मौत का सबसे बड़ा कारण है।
WHO ने बताया कि कम और मध्यम आय वाले देशों में सड़क हादसे सबसे ज्यादा होते हैं।
विकसित देशों की अपेक्षा विकासशील देशों में दोगुने हादसे होते हैं।
सड़क दुर्घटना से देश की जीडीपी को 5% का नुकसान होता है।
दुनिया के 68 देशों में सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ है।
दुनिया के 79 देशों में दुर्घटनाओं के मामलों में कमी आई है।
कम आय वाले देशों में सुरक्षा तकनीकों का न होना भी सड़क दुर्घटना का बड़ा कारण है।
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