SP विधायक को वोट बेचने के लिए BJP की तरफ से मिला था 10 करोड़ का ऑफर
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटों के लिए मतदान के दौरान क्रॉस वोटिंग के कई मामले के बीच समाजवादी पार्टी के एक विधायक ने खरीद-फरोख्त के बड़े मामले को खोला है। मेरठ शहर सीट से विधायक रफीक अंसारी ने कहा कि क्रॉस वोटिंग करने के लिए उनको दस करोड़ रुपया का ऑफर मिला था।
मेरठ बीजेपी विधायक ने दिया था ऑफर
विधायक रफीक अंसारी ने बताया कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के लिए उन्हें मेरठ भाजपा के विधायक तथा पूर्व विधायक की तरफ से क्रॉस वोटिंग करने पर दस करोड़ रुपया का ऑफर 10 करोड़ रुपये का ऑफर मिला था।
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रफीक ने मेरठ के भाजपा विधायक तथा पूर्व विधायक का नाम बताने से इन्कार कर दिया है। रफीक ने बताया कि उन्होंने यह ऑफर ठुकरा दिया क्योंकि वह समाजवादी पार्टी के सच्चे कार्यकर्ता हैं और पार्टीलाइन से हटकर कोई कार्य नहीं करते। उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी की ओर से उन्हें बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को वोट करने का निर्देश मिला था, इसलिए उन्होंने बसपा प्रत्याशी को ही वोट दिया।
मेरठ में भाजपा के दिग्गज तथा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी को शिकस्त देकर विधायक बने रफीक से बजट सत्र में विधानसभा में बुनकरों की समस्या उठाई थी। विधायक रफीक अंसारी ने विधानसभा में कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर, गृहमंत्री राजनाथ सिंह के लखनऊ व लालजी वर्मा के टांडा क्षेत्र में बड़ी संख्या में बुनकर हैं।
अब अगर प्रदेश में हिंदू धागा बनाता है तो मुसलमान उससे कपड़ा बुनने का काम करता है। कपड़ा तैयार होने पर हिंदू व्यापारी इसे बाजार में बेचते हैं। उन्होंने कहा कि करोड़ों लोग बुनकर व्यवसाय से जुड़े हैं। अब तक बुनकरों की बिजली सब्सिडी सीधे विद्युत निगम को मिलती थी, लेकिन अब सब्सिडी हथकरघा विभाग को दी जाने लगी है।
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विधायक ने आरोप लगाया कि विभाग बिचौलिया बनकर भ्रष्टाचार फैला रहा है। इसी विभाग की वजह से बुनकरों को नए कनेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। उन्होंने कहा इस समस्या का समाधान किया जाए अन्यथा बड़ा आंदोलन खड़ा हो जाएगा।
इससे पहले विधायक रफीक अंसारी अपने धमकी देने का ऑडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद से काफी चर्चा में थे। विधायक रफीक ने कथित तौर पर अपनी ही पार्टी के एक नेता को जान से मरवाने की धमकी दी। रफीक अंसारी ने मेरठ में मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण का पूरा लाभ लेकर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी को 28,799 मतों के बड़े अंतर से हराया था।