कभी खुद प्लेटफार्म पर सोया था यह शख्स, अब 10 बेघर परिवारों को छत देकर बन गया मसीहा
देवरिया जिले में एक ऐसे समाजसेवी हैं जिन्होंने अपनी एक समाजसेवा की अलग पहचान बनाई है। उन्हें गरीबों का मसीहा व उनका हमदर्द भी कहा जाता है। जिन्होंने अपनी कमाई से दस गरीब परिवारों के लिये 60 लाख का मकान बनवाया है।
उस समाजसेवी का नाम है मैनुद्दीन खान जो समाजसेवी के साथ साथ एक कई कंपनियों के सीएमडी भी है।
कौन है समाजसेवी मैनुद्दीन खान-
रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के गांव बुधुखा के रहने वाले शकूर खां एक किसान थे। इनके दो बेटे मोहम्मद मोबिन खान और मोहम्मद मैनुद्दीन खान थे। पिता किसानी कर के अपने परिवार का गुजारा कराते थे।
समाजसेवी मैनुद्दीन खान ने बताया कि पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी जिसके कारण बचपन गरीबी में बीती। गरीबी के कारण पिता जी अच्छे स्कूल में दाखिला नहीं दिला पाये। मैंने 10वीं तक की पढ़ाई राजकीय विद्यालय देवरिया से की।
इसके बाद इंटर में दाखिला लिया। पिता की माली स्थिति को देखते हुये मैंने एक इलेक्ट्रिक की दुकान पर रह कर काम सीख। इससे जो पैसा मिलता उससे अपने पढ़ाई में लगता गया। इंटर की पढ़ाई पूरी कर मैं गांव छोड़ मुंबई की तरफ निकल गया।
प्लेटफार्म पर सो कर गुजारे दिन-
मैनुद्दीन खान ने बताया कि नौकरी की तलाश में मैं मुंबई गया और एक इलेक्ट्रिक की दुकान पर काम करने लगा। दिन में काम करता और रात में मुंबई की प्लेटफार्म पर सोता। धीरे-धीरे लोगों के घर जा कर वायरिंग करने लगा।
कुछ महीने बीतने के बाद मेरी मुलाकात एक शख्स से हुई जिसकी वजह से मुझे घर के वायरिंग के छोटे मोटे कॉन्ट्रेक्ट मिलने लगा। उसके बाद मैं अपने मेहनत से आगे बढ़ता गया। कुछ सालों बाद मुझे रेलवे के छोटे-छोटे इलेक्ट्रिक के ठीके मिलने लगा।
कुछ समय बाद मैंने अपनी एक खुद की छोटी सी कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया। मैंने अपनी पहली कंपनी का नाम धनलक्ष्मी प्राइवेट लिमिटेड रखा। जिसके बाद धीरे धीरे कंपनी को आगे बढ़ाता गया।
उसके कुछ सालों बाद मैंने एक और कंपनी खोली जिसका नाम सुहाना इंटरप्राइजेज रखा। इन दोनों कंपनियों की पूंजी को आगे बढ़ाते हुये आज मेरे पास चार कंपनियां है।
समाजसेवा कर अपनी अगल बनाई पहचान-
समाजसेवी मैनुद्दीन खान ने जिले में समाजसेवा कर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इन्होंने जो काम किया वो काम किसी जनप्रतिनिधियों ने अभी तक नहीं किया है। सैकड़ों गरीबों का मुफ्त में इलाज करवाया।
इतना ही नहीं अगर किसी गरीब के पास रहने को छत नहीं है तो इन्होंने उसे अपने पैसे से रहने को छत बनवाकर दिया। इन्होंने अपने कमाई के 60 लाख रुपये से दस गरीब परिवारों का मकान बनवाया।
इसके साथ ही कमाई का 20% हिस्सा गरीबों के सेवा के लिये दान कर देते है। सैकड़ो गरीब बेटियों की शादी तक करवाई है। इतना ही नहीं मैनुद्दीन खान हर ठंड के मौसम में लगभग 10 हजार कंबल गरीबों में मुफ्त में वितरण करते है ताकि किसी भी गरीब की ठंड से मौत न हो।
सैकड़ो गरीब बेटियों की करा चुके शादी-
समाजसेवी मैनुद्दीन खान समाजसेवी के साथ साथ एक सफल बिजनेसमैन भी है। इन्होंने अभी तक अपने क्षेत्र के सभी धर्मों के गरीब परिवार की बेटियों की शादी खुद अपने पैसों से कराते है। अब तक इन्होंने सैकड़ो गरीब परिवार की बेटियों की शादी करा चुके है।
समाजसेवा करते हुए तीन गांव को लिया गोद-
केंद्र और प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को खुद मैनुद्दीन अपने पैसे से पूरा करा रहे है। उन्होंने अपने क्षेत्र के तीन गांवो को गोद लिया है। इन गांव में उन्होंने शौचालय के साथ स्ट्रीट लाइट लगवाई और सड़क बनवाया जो प्रदेश सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजनायें है।
हजारों लोगों की बचा चुके है जिंदगी-
समाजसेवा करते हुए मैनुद्दीन खान ने अबतक हजारों लोगों की जिंदगी बचा चुके है। जो पैसे के आभाव में अपना इलाज नहीं करा पाते थे उन लोगों का मैनुद्दीन खान ने इलाज का सारा जिम्मा उठाया। गरीबों के इलाज में करोड़ों रुपए दान कर चुके है।
सामाजिक कार्यो को देखते हुये मिला महात्मा गांधी अवार्ड-
समाजसेवी मैनुद्दीन खान के सामाजिक कार्यो को देखते हुये उन्हें लंदन एक कार्यक्रम के दौरान इन्हें बेस्ट सोशल वर्क व महात्मा गांधी अवार्ड से नवाजा गया। इसके बाद दुबई के प्रिंस ने भी बेस्ट बिजनेस अवार्ड से नवाजा। वही बैंगलोर में भी सामाजिक कार्यों की वजह से डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम अवार्ड मिल चुका है।
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