लिंगायत मुद्दे पर अमित शाह अडिग, राहुल ने साध ली चुप्पी

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी लिंगायत मुद्दे पर अब आमने-सामने हैं। कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने हाल ही में केंद्र को यह सिफारिश करने का फैसला किया है कि लिंगायतों और वीरशैवों को धार्मिक अल्पसंख्यक दर्जा दिया जाए, लेकिन बुधवार को कर्नाटक में ही एक जनसभा के दौरान राहुल गांधी के सामने अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई, जब एक महिला ने उनसे सवाल किया कि उनकी पार्टी लिंगायत मुद्दे पर लोगों को बांट रही है।

अलग धर्म बनाने की सिफारिश मात्र की है

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए और उन्होंने कहा कि इसका जवाब सीएम सिद्धारमैया देंगे। हालांकि, राहुल ने यह जरूर कहा कि उनकी सरकार ने लिंगायतों की मांग पर केंद्र सरकार से इसे अलग धर्म बनाने की सिफारिश मात्र की है। उधर, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने लिंगायत और वीरशैव लिंगायत मुद्दे को लेकर यह साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार उन्हें अलग धर्म का दर्जा नहीं देने वाली है। कर्नाटक में एक जनसभा के दौरान शाह ने कहा,’लिंगायत समुदाय के सभी महंतों का यह कहना है कि समुदाय को बंटने नहीं देना है। मैं इस बात का भरोसा दिलाता हूं कि ऐसा नहीं होगा। जब तक बीजेपी की सरकार है, बंटवारा नहीं होगा।’

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बता दें कि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धारमैया सरकार द्वारा लिंगायत समुदाय को अलग धर्म की मान्यता देने के फैसले पर घमासान जारी है। एक तरफ बीजेपी जहां सिद्धारमैया सरकार पर लोगों को बांटने का आरोप लगा रही है, वहीं माना जा रहा है कि सिद्धारमैया सरकार ने इस फैसले के जरिए बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए सुरक्षित रास्‍ता अपनाया है।

इसलिए लिंगायत समुदाय है महत्वपूर्ण

दरअसल, बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से आते हैं। यह समुदाय राज्य में संख्या बल के हिसाब से मजबूत और राजनीतिक रूप से काफी प्रभावशाली है। राज्य में लिंगायत/वीरशैव समुदाय की कुल आबादी में 17 प्रतिशत की हिस्सेदारी होने का अनुमान है। यही वजह है कि राजनीतिक हलकों में इस फैसले को सिद्धारमैया का ‘मास्‍टर स्‍ट्रोक’ बताया जा रहा है। हालांकि इसे लेकर सिद्धारमैया सरकार पर बीजेपी लगातार हमलावर है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी साफ किया है कि केंद्र सरकार अलग धर्म का दर्जा नहीं देने वाली।

कर्नाटक में 12 मई को वोटिंग

बता दें कि कर्नाटक में विधानसभा की 224 सीटों पर 12 मई को मतदान होगा। वहीं वोटों की गिनती 15 मई को की जाएगी। राज्य में अभी सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार सत्ता पर काबिज है। 2008 में बीजेपी ने पहली बार कर्नाटक में अपनी सरकार बनाई थी।

NBT

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