आस्था को आघात…तिरुपति मंदिर के प्रसाद लड्डू में मछली का तेल और चर्बी ….
यह मामला करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा
Tirupati Temple: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर देशभर में अब सियासत गरमा गई है. FSSAI के द्वारा की गई जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मंदिर के प्रसाद में उपयोग होने वाले घी की जगह उसमें मछली का तेल और जानवरों की चर्बी मिलाने का काम किया जाता था. इस पूरे घटनाक्रम से पूरे देश के संतों में नाराजगी देखने को मिल रही है. संत कह रहे हैं कि तत्काल प्रभाव से मंदिर का ट्रस्ट बोर्ड भंग किया जाना चाहिए क्योंकि यह मामला सीधे करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा है.
जानिए क्या है पूरा मामला ?…
बता दें कि आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को दावा किया था कि तिरुपति बालाजी के मंदिर में मिलने वाले प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था. जून में हुए विधानसभा चुनाव में जगन मोहन रेड्डी सरकार चुनाव हार गई है और चंद्र बाबू नायडू ने सरकार बनाकर सत्ता की कमान संभाली है.
जुलाई में लिए गए थे सैंपल…
गौरतलब है कि आंध्रप्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की सरकार बनने के बाद 9 जुलाई को मंदिर बोर्ड ने घी के सैंपल गुजरात स्थित पशुधन लैब (NDDB CALF Ltd.) भेजे और 16 जुलाई को लैब रिपोर्ट आई. इसमें एक फर्म के घी में मिलावट पाई जिसमें पता चला कि प्रसाद के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा है.
कल सामने आई रिपोर्ट…
बता दें कि 22 जुलाई को ट्रस्ट की बैठक हुई थी और 23 जुलाई को घी के सैंपल लिए गए थे और उन्हें जांच के लिए लैब भेजे गए थे. इसकी रिपोर्ट कल यानि 18 सितम्बर को सामने आई जिसके बाद से अब पूरे देशभर में इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है. सीएम नायडू ने सीधे तत्कालीन जगन सरकार को कठघरे में खड़ा किया. नायडू सरकार ने कहा पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार ने हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया. मंदिर की पवित्रता को ठेस पहुंचाई है.
जांच में सामने आए यह तत्व…
बता दें कि जांच में यह पाया गया कि लड्डुओं में जो घी का इस्तेमाल हो रहा था वह मिलावटी था. इसमें फिश ऑयल, एनिमल टैलो और लार्ड की मात्रा पाई गई है. एनिमल टैलो का मतलब पशु में मौजूद फैट से होता है. इसमें लार्ड भी मिला हुआ था. लार्ड का मतलब जानवरों की चर्बी से होता है. इसी घी में फिश ऑयल की मात्रा भी पाई गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रसादम लड्डू में सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून, रेपसीड, अलसी, गेहूं के बीज, मक्का के बीज, कपास के बीज, मछली का तेल, नारियल और पाम कर्नेल वसा, पाम तेल और बीफ टेलो (गौमांस की चर्बी), लार्ड शामिल है.
TTD तैयार करता है प्रसादम लड्डू…
बता दें कि तिरुपति मंदिर देश के बड़े मंदिरों में से एक है. यहां हर साल तीन करोड़ से अधिक श्रध्दालु दर्शन के लिए आते हैं, यानी रोजाना करीब 82 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं. प्रसाद के रूप में करीब 3.50 लाख लड्डू तैयार किए जाते हैं. श्रद्दालुओं को प्रसाद के रूप में यहां लड्डू दिए जाते हैं. इसका संचालन कमेटी के द्वारा किया जाता है जो हर दो साल में राज्य सरकार गठन करती है. इस कमेटी का नाम है तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम्. यही कमेटी प्रसाद के लड्डुओं को बनाने के लिए सभी सामग्री को खरीदती है.