शीला दीक्षित जल्द संभालेंगी अध्यक्ष पद, इन चुनौतियों से होगा सामना

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कांग्रेस दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष पद पर हाल ही में नियुक्त की गईं शीला दीक्षित 16 जनवरी को अपना पदभार ग्रहण कर सकती हैं। इस दौरान पार्टी कई पदाधिकारी जिनमें, दिल्ली प्रभारी पीसी चाको, पूर्व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन, जेपी अग्रवाल, अरविंदर सिंह लवली और अन्य वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की आशंका है।

नई टीम में इनके शामिल होने की संभावना:

वहीं पद सँभालते ही शीला दीक्षित अपनी टीम की भी घोषणा कर देंगी। उम्मीद जताई जा रही है कि उनकी टीम में दो या तीन बार कांग्रेस से विधायक रहे नेताओं को शामिल किया जाएगा, वहीं नई टीम में उनके पुराने वफादार साथियों के शामिल हो सकने की भी सम्भावना है। मंगत राम सिंघल को कोषाध्यक्ष के रुप में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

इनके अलावा डॉ. एके वालिया, जयकिशन, मतीन अहमद, राजकुमार चौहान और बलराम तंवर को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। संगठन के मुताबिक दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिहाज से सात महासचिव और सत्तर विधानसभा सीटों के 70 सचिव बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा 14 जिलों में उपाध्यक्ष बनाए जा सकते हैं।

ये होगा लक्ष्य और चुनौतियाँ:

नई टीम में युवाओं को भी भरपूर मौके दिये जाएंगे। कांग्रेस ने शीला दीक्षित को ऐसे समय में पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी है जब दिल्ली में उसकी स्थिति काफी नाजुक है। इस समय पार्टी के दिल्ली से एक भी सांसद या विधायक नहीं हैं। पार्टी का आधार वोट बैंक खिसककर आम आदमी पार्टी के साथ जा चुका है। ऐसे में उनके सामने गंभीर चुनौती है।

हालांकि दिल्ली की राजनीति पर नजर रखने वालों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता का विश्वास उस स्तर पर बनाकर नहीं रख सके हैं जैसा कि उनकी राजनीति के उफान के समय हुआ करता था। केंद्र की सत्तारुढ़ मोदी सरकार के पास भी 2014 की लोकप्रियता नहीं बची है।
शीला दीक्षित अपनी मजबूत रणनीति के साथ कांग्रेस की दिल्ली में वापसी
को लेकर काम करेंगी।

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