अमित शाह को मात देकर राजनीति के असली’चाणक्य’ बने शरद पवार
अबतक राजनीति के चाणक्य माने जा रहे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को मात देकर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार राजनीति के चाणक्य बन गये हैं।
महाराष्ट्र के सियासी दंगल में शरद पवार बने असली ‘चाणक्य’, बीजेपी को दी जोरदार पटखनी
महाराष्ट्र में एक महीने से जारी शह और मात के खेल में अंतत: बाजी मराठा राजनीति के दिग्गज नेता शरद पवार के हाथ लगी।
मंगलवार को बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
दो ‘चाणक्यों’ के बीच एक महीने से जारी थी शह और मात का खेल
महाराष्ट्र के सियासी दंगल में दो ‘चाणक्यों’ के बीच एक महीने से जारी शह और मात के खेल में मराठा राजनीति के दिग्गज नेता शरद पवार ने मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को पीछे छोड़ दिया।
राज्य में सत्ता के इस खेल में एनसीपी नेता शरद पवार ने बीजेपी अध्यक्ष के राजनीतिक सर्जिकल स्ट्राइक का जवाब जोरदार डिफेंस से दिया और देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया।
इस पलटवार के बाद शरद पवार ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि शाह भले ही देश की राजनीति में चाणक्य की हैसियत रखते हों लेकिन महाराष्ट्र में असली ‘चाणक्य’ वही हैं।
जंग की शुरुआत 23 नवंबर की सुबह से हुई
शाह और पवार के बीच महाराष्ट्र के इस जंग की शुरुआत 23 नवंबर की सुबह से हुई। एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने चाचा से विद्रोह करके बीजेपी से हाथ मिला लिया। महाराष्ट्र के इस सियासी खेल में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव के दौरान भले ही अपेक्षित परिणाम न हासिल किया हो लेकिन उन्होंने राजनीतिक सर्जिकल स्ट्राइक करके अपनी क्षमता को साबित किया। मुंबई में शनिवार को हुआ हैरतअंगेज घटनाक्रम इसका सबूत रहा।
अजित का मन बदलने में ऐसे कामयाब हुए शरद पवार?
अजित को राजी करने में शरद पवार ने पारिवारिक दबाव के साथ ही सियासी सूझबूझ का भी परिचय दिया। पवार ने अजित को विधायक दल के नेता पद से तो हटा दिया लेकिन उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता नहीं दिखाया। ऐसा करके शरद ने अजित के लिए दरवाजे खुले रखे।
एनसीपी नेता अजित पवार ने यू-टर्न लिया
महाराष्ट्र की पल-पल बदलती सियासत में एक बार फिर ट्विस्ट आया है। तीन दिन पहले ही डेप्युटी सीएम की शपथ लेकर देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनवाने वाले एनसीपी नेता अजित पवार ने यू-टर्न लिया है। उन्होंने सीएम फडणवीस को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। अजित पवार को मनाने के लिए नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की तरफ से पहले से ही कोशिशें जारी थीं। महाराष्ट्र के सियासी घमासान में चाणक्य की भूमिका निभा रहे एनसीपी चीफ शरद पवार आखिरकार अजित पवार का मन बदलने में कामयाब रहे।
परिवार का दबाव आया काम
इस पूरे घटनाक्रम में पारिवारिक दबाव को अहम माना जा रहा है। दरअसल अजित पवार ने जब 23 नवंबर की सुबह शपथ ली, उसके बाद से ही पवार फैमिली के लोग अजित से बातचीत कर रहे थे। उन्हें परिवार में बिखराव से बचने और पार्टी में बने रहने के लिए मनाया जा रहा था। इस काम में पहले उनके भाई श्रीकृष्ण पवार आगे आए। इसके बाद सुप्रिया सुले के पति सदानंद भालचंद्र सुले ने अजित से संपर्क किया। उन्होंने मुंबई के एक पांच सितारा होटल में अजित से मुलाकात की।
शरद पवार और उनकी पत्नी प्रतिभा ने की बात
मंगलवार आते-आते खुद शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले ने अजित से बातचीत की। अजित को पार्टी और परिवार का साथ देने के लिए मनाया गया। सूत्रों के मुताबिक अजित को मनाने में शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार का भी अहम योगदान रहा। प्रतिभा ने भी अजित से परिवार के साथ बने रहने को कहा। परिवार के दबाव का ही असर था कि सोमवार को फडणवीस की बैठक में अजित की कुर्सी खाली नजर आई। सूत्रों के मुताबिक शरद पवार ने अजित से कहा था कि वह माफ करने को तैयार हैं लेकिन पहले इस्तीफा देना होगा।