डिजिटल टेररिज्म के आरोप में शहबाज सरकार ने PTI पर कसी नकेल, बढ़ सकती हैं इमरान खान की मुश्किलें

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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सूचना सचिव रऊफ हसन की गिरफ्तारी के बाद सत्तारूढ़ शहबाज शरीफ सरकार और सैन्य प्रतिष्ठान पार्टी पर अपना शिकंजा और मजबूत कर सकते हैं.

PTI नेताओं की हो सकती है गिरफ्तारी

खबरों के अनुसार, डिजिटल आतंकवाद, झूठा प्रचार और फर्जी अकाउंट के जरिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के आरोप में पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं की और गिरफ्तारियां होने वाली हैं.

पीटीआई के ऐसे नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक लंबी सूची है, जो अपने मोबाइल फोन, पार्टी कार्यालय और इंटरनेट का उपयोग पाकिस्तानी सशस्त्र बलों द्वारा हाल ही में शुरू किए गए आतंकवाद विरोधी अभियान ‘अज़्म-ए-इस्तेहकाम’ और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर के खिलाफ सोशल मीडिया ट्रेंड चलाने के लिए कर रहे हैं.

कहा जा रहा है कि पीटीआई की सोशल मीडिया टीम द्वारा विदेशों में दुर्भावनापूर्ण प्रचार अभियान चलाया जाता है. हाल ही में पीटीआई नेताओं पर छापेमारी और गिरफ्तारी के बाद उनके इलेक्ट्रॉनिक सामान के साथ कंप्यूटर भी जब्त किया गया.

अभियान की ये शुरुआत है

सूत्रों का मानना है कि सोमवार की छापेमारी और गिरफ्तारी पीटीआई नेताओं, कार्यकर्ताओं और इमरान खान तथा पीटीआई के समर्थकों के खिलाफ अभियान की शुरुआत मात्र है.

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हाल ही में अदियाला जेल से दिए गए एक बयान में इमरान खान ने कबूल किया कि पिछले वर्ष उन्होंने गिरफ्तारी की स्थिति में रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया था, लेकिन उन्होंने अपने समर्थकों से हिंसक होने या सैन्य मुख्यालय पर हमला करने के लिए नहीं कहा था. उन्होंने कहा, “मैंने केवल जीएचक्यू रावलपिंडी के बाहर शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया था.”

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