Sexual Harassment : वाराणसी जेल अधीक्षक की कम नहीं हो रही दुश्वारियां, अब लैंगिक उत्पीड़न का आरोप
Sexual Harassment : दो बंदियों की मौत के मामले को लेकर घिरे वाराणसी जिला जेल के अधीक्षक उमेश सिंह की दुष्वारियां कम नहीं हो रही हैं. वहीं आरोप है कि सरकार उन्हें बचाने का पूरा प्रयास कर रही है. आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने 22 जून 2023 को जिला जेल सुल्तानपुर में दो विचाराधीन कैदियों करिया उर्फ विजय पासी और मनोज रैदास की हत्या के आरोपी जेल अधीक्षक उमेश सिंह का लैंगिक उत्पीड़न के आरोप में भी गलत बचाव किए जाने के आरोप लगाए हैं.
नहीं दर्ज हुई एफआईआर
उन्होंने कहा है कि सीजेएम सुल्तानपुर सपना त्रिपाठी की मजिस्ट्रियल जांच से बंदियों को किसी नशीले पदार्थ के प्रभाव में जबरदस्ती फांसी पर लटकाए जाने और जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाए जाने की रिपोर्ट लगभग 10 दिन से शासन में लंबित होने के बाद भी अब तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुई है.
अमिताभ ठाकुर ने कहा कि इस घटना के बाद सुल्तानपुर से वाराणसी जेल अधीक्षक के पद पर ट्रांसफर होने पर उमेश सिंह के खिलाफ दो महिला डिप्टी जेलरों द्वारा सितंबर 2023 में सबूतों के साथ लैंगिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए गए.
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सुल्ता़नपुर से किया गया था स्थानांतरित
जहां लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम के अनुसार निष्पक्ष जांच हेतु उमेश सिंह का तत्काल वाराणसी से ट्रांसफर किया जाना चाहिए था, वहीं उनके इस जेल में रहते मामले की जांच कराई गई, जो कानूनन गलत है क्योंकि आरोपी अफसर के जेल अधीक्षक रहते अधीनस्थ कर्मियों द्वारा कभी भी सही गवाही नहीं दी जा सकती थी. इसी प्रकार जहां कानूनन जांच रिपोर्ट की एक प्रति पीड़ित कर्मियों को दी जानी चाहिए थी, वहीं जांच रिपोर्ट के प्रति भी पीड़ित कर्मियों को नहीं दी गई.
अमिताभ ठाकुर का आरोप है कि अनुसार उमेश सिंह को शासन के उच्च स्तर पर संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण उनका लगातार विधि विरुद्ध बचाव किया जा रहा है. अतः उन्होंने उमेश सिंह का तत्काल वाराणसी से अन्यत्र ट्रांसफर कर लैंगिक उत्पीड़न मामले की पुनः नियमानुसार जांच कराए जाने तथा सुल्तानपुर जेल प्रकरण में हत्या का मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि इन दोनों मामलों में शीघ्र न्याय नहीं होता है तो आजाद अधिकार सेना इन मामलों को सक्षम न्यायालय के समक्ष ले जाएगी.