दिल्ली और उत्तर भारत में महसूस हुए भूकंप के तीव्र झटके
दिल्ली में बुधवार रात तीव्र भूकंप (earthquake) के झटके महसूस किए गए। दिल्ली के कई इलाकों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई है। ये भूकंप 8.49 मिनट पर आया। इसका केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में था। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों से भी भूकंप के झटके की सूचना मिली है। अभी तक किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी तेज झटके महसूस किए गए। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए।
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जानकारी के मुताबिक इससे पहले इसी साल जून में नई दिल्ली समेत हरियाणा के रोहतक और आसपास के क्षेत्र में तड़के भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए थे। उस वक्त भूकंप सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर आया था। उस वक्त भूकंप का केंद्र हरियाणा के रोहतक में 22 किलोमीटर गहराई पर था।
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भूकंप आने का समय
भूकंप बुधवार रात 8 बजकर 49 मिनट पर आया। इसका केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में जमीन से 30 किमी नीचे था। मौसम विभाग के मुताबिक, यह मॉडरेट इंटेंसिटी का भूकंप था। इससे पहले यूरोपियन मैडिटैरियन सीज्मोलॉजिकल सेंटर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के देहरादून से 121 किमी दूर पूर्व में था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5 थी। भूकंप के झटके रुद्रप्रयाद के अलावा देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, चमोली, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, टिहरी, रामनगर में झटके महसूस किए गए। यूपी में मेरठ, मथुरा और सहारनपुर में भी झटके महसूस किए गए। चंडीगढ़ में भी झटके महसूस किए गए।
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जानिए क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
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भारत और आसपास के देशों में भूकंप आने की क्या है वजह?
हिमालयन बेल्ट की फॉल्ट लाइन के कारण एशियाई इलाके में ज्यादा भूकंप आते हैं। इसी बेल्ट में हिंदूकुश रीजन भी आता है। 2015 के अप्रैल-मई में नेपाल में आए भूकंप के कारण करीब 8 हजार लोगों की मौत हुई थी।