सियोल: हैलोवीन पार्टी में कई लोगों की मौत, जानें उसके मनाने की प्रथा और इतिहास
कोरोना पाबंदियों के बीच लगभग 3 साल के बाद साउथ कोरिया की राजधानी सियोल में आउटडोर नो-मास्क हैलोवीन पार्टी का जश्न मनाया जा रहा था, जो मातम में बदल गया. इस पार्टी में करीब 1 लाख लोग मौजूद थे. ज्यादा भीड़ की वजह से पार्टी में मची भगदड़ में करीब 151 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. इसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत सिर्फ कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई. सैकड़ों की संख्या में लोग घायल है और अभी भी अस्पताल में एडमिट हैं. कोरियन सरकार ने आने वाले दिनों में सभी हैलोवीन पार्टियों पर बैन लगा दिया है.
हैलोवीन पार्टी के बारे में ज्यादातर लोगों को सिर्फ यही पता है कि इस दिन भूतिया गेटअप रखा जाता है. लेकिन, इसके मनाने की प्रथा और इतिहास क्या है, इसे कम लोग ही जानते हैं. बता दें पश्चिमी देशों में इसकी बड़ी धार्मिक मान्यता है और धीरे-धीरे इसका क्रेज भारत में भी बढ़ रहा है.
ईसाई समुदाय का है हैलोवीन फेस्टिवल…
हैलोवीन का आयोजन 31 अक्टूबर को होता है. ईसाई समुदाय में सेल्टिक कैंलेंडर के आखिरी दिन यानि 31 अक्टूबर को हैलोवीन फेस्टिवल मनाया जाता है. अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोपियन देशों के कई राज्यों में इसे न्यू ईयर की शुरुआत के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन लोग डरावने और भूतिया गेटअप के साथ सड़कों पर निकलते हैं.
हैलोवीन पार्टी सदियों से मनाया जा रहा है. हैलोवीन की शुरुआत सबसे पहले आयरलैंड और स्कॉटलैंड से हुई थी. ईसाई समुदाय के लोगों की ऐसी मान्यता रहती है कि हैलोवीन डे के दिन भूतों का गेटअप करने से पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है.
आत्माओं का दिन…
हैलोवीन के शाब्दिक अर्थ होता है, आत्माओं का दिन. यह पश्चिमी देशों का एक त्योहार है, जिसका मकसद पूर्वजों की आत्मा को शांति पहुंचाना होता है. पहले इस त्योहार को देखना किसी बड़े टास्क से कम नहीं होता था. क्योंकि डरावने कपड़ों और गेटअप के साथ लोगों को देख माहौल काफी डरावना रहता था.
हालांकि, अब इसका आयोजन काफी आसान हो गया है और इस दिन पहने जाने वाली ड्रेस की वजह से यह काफी चर्चा में रहता है. इसको लेकर कई तरह की कहानियां भी प्रचलित हैं.
कद्दू दफनाने की परंपरा…
हैलोवीन त्योहार के आखिर दिन में कद्दू को दफनाने की खास परंपरा भी है. इसे पूर्वजों का प्रतीक माना जाता है. इस दिन लोग कद्दू को खोखला करके उसमें जलती हुई मोमबत्तियां डाल देते हैं फिर उसमें डरावनी आकृतियां बनाते हैं. कई लोग इसे अपने घर के बाहर अंधेरे में पेड़ों पर टांग देते हैं.
ट्रिक और ट्रीट…
हैलोवीन त्योहार के मौके पर ट्रिक और ट्रीट काफी अहम होता है. जब बच्चे अपने रिश्तेदारों या पड़ोसियों से मिलते हैं तो इसे ट्रिक या ट्रीट कहते हैं.
बच्चों को खाने के लिए चॉकलेट्स या कुछ चीजें उपहार में दी जाती हैं.